एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (रंजीत)। नालंदा जिले के बेन प्रखंड क्षेत्र के अरावा पंचायत के खेदु बिगहा गांव स्थित प्राथमिक विदयालय का हाल देखकर ग्रामीण खासे नाराज है। इस विद्यालय में कुल 98 छात्र का नामांकन है, लेकिन 20से 25 छात्र उपस्थित रहते है।
इस विद्यालय में पहुचने के लिए छोटे छोटे छात्रों को काफी मस्कत उठाना पड़ता है। यह बच्चे बरसात के मौसम में गिरते पड़ते विद्यालय पहुचते है। आने जाने का कोई रास्ता नहीं है।
इसका फायदा स्कूल के शिक्षक भरपूर उठाते है। विद्यालय कैंपस में पानी का जमाव और झाड़ उगा हुआ है। जिससे पढ़ने बाले बच्चो को खेलने क्या, बाहर निकल कर खड़ा होना भी मुश्किल होता है।
ग्रामीण लोग स्थानीय शिक्षक होने के कारण मुहँ नही खोल पाते। इसलिए अपनी मनमानी से शिक्षक स्कूल का संचालन करते है। मध्यान भोजन का कमरा बंद दिखा तो बच्चे को भोजन की व्यवस्था किस कदर होता होगा, यह ग्रामीणों को कौंध रहा है।
जब इस बाबत प्रभारी सुजाता सिंह से पूछा गया तो उन्होंने रसोईया का तबियत खराब होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। आखिर मध्यान भोजन नहीं बनने पर भी छात्रों की उपस्थिति बना दिया जाता है।
खेत में स्कूल होने के कारण कोई जांच दल भी नहीं पहुच पाता। जबकि औचक निरीक्षण के कार्य के लिए जिले से कई वरीय अधिकारियों को लगाया गया है। फिर भी शिक्षको में कोई डर नही है।
ज्ञात हो कि विगत महीने फर्जी 7 शिक्षको पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश के बाबजूद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कोई करवाई नही किया गया। इससे गलत तरीके से विद्यालय चलाने बाले शिक्षक का मनोवल बढ़ा रहता है।
कई शिक्षक विद्यालय में सादा आवेदन देकर अपना दुकान चलाते नजर आते हैं। फिर औचक निरीक्षण का कोई औचित्य नहीं जाता। अगर ऐसे शिक्षकों पर करवाई हुआ होता तो शिक्षक और शिक्षा में सुधार जरूर होता।