नालंदा के नगरनौसा थाना में पुलिस अभिरक्षा में महादलित जदयू नेता की मौत को लेकर सड़क से विधानसभा तक हंगामा मचा हुआ है। पीड़ित परिवार के लोग तथा ग्रामीण मुआवजा एवं नौकरी की मांग को लेकर सड़क पर अडे हुए हैं तो वहीं इस मामले की गूँज विधानसभा में भी सुनाई दी। हालाँकि सीएम नीतीश कुमार के तल्ख तेवर के बाद नगरनौसा थानाध्यक्ष सहित तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर उन्हें पुलिस कस्टडी में रखा गया है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। इधर मृतक जदयू नेता के पुत्र बलराम रविदास ने शुक्रवार को नालंदा के एससी-एसटी थाना में अपने पिता की हत्या का केस दर्ज कराया है। जिसमें नगरनौसा थानाध्यक्ष समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
मृतक गणेश रविदास के पुत्र बलराम रविदास ने दर्ज एफआईआर में कहा है कि बुधवार शाम चार बजे मेरे पिता घर पर थे। उसी समय थानाध्यक्ष कमलेश कुमार, जमादार बालिन्द्र राय,चौकीदार जितेन्द्र कुमार तथा संजय पासवान आएं और मेरे पिता को थाना लेकर चले गए। जब हम लोग थाना पहुँचे तो थानाध्यक्ष और जमादार दोनों जाति सूचक गाली देने लगे। उन्होंने हमें भगाते हुए कहा कि कल आना तेरे पिता लड़की खोजने गए हैं।
गुरूवार को रात्रि करीब आठ पचीस में चौकीदार जितेन्द्र कुमार मेरे घर पर आकर बोला कि आपके पिताजी का मृत्यु हो गया है। जब हम थाने पहुँचे तो मेरे पिता वहाँ नहीं थे।
पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ लेकर गए हैं । वहाँ जाकर हमने देखा कि मेरे पिता मृत अवस्था में पड़े हुए हैं। उनके शरीर पर जगह जगह चोट एवं खून के निशान था।
मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे पिता की हत्या पीटकर कर दी गईं हैं ।जिसमें थानाध्यक्ष ,जमादार और दोनों चौकीदार शामिल है। जिन्होंने गाँव के ही नरेश साव, पवन साव, देवीनंद कुमार तथा दयानंद साव के कहने पर घटना को अंजाम दिया है। इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए।