नालंदा दर्पण। आज वट सावित्री की पूजा को लेकर सुबह से ही शहरी और ग्रामीणों क्षेत्र के सभी मंदिरों और वट वृक्षो के निकट सुहागिनों की भीड़ देखी गयी। अखंड सुहाग के लिए सुहागन ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को इसका व्रत रखती हैं।
कहा जाता है कि जिस तरह से सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज के हाथों से छीन कर लाई थी, उसी तरह से पत्नी अगर ये व्रत रखती है तो उसके पति पर आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।
देश भर में शादी-शुदा महिलाएं यह व्रत रखती हैं और वट वृक्ष के नीचे घूम घूम कर पूजा भी करती हैं।
नालन्दा जिले के सभी प्रखंड में सुहागन महिलाओं ने वट सावित्री का पूजन कर अखंड सुहाग की कामना की।
प्रातकाल की बेला में पंडित ने मंत्र उच्चारण के साथ सैकड़ो सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार करके सिंदूर, रोड़ी, अक्षत, फूल, चना, फल व मिठाई आदि से पूजन किये और बरगद पेड़ की चारों ओर कच्चे धागे लपेट कर फेरे लगाई।
सुहागिन महिलाओ ने बताया कि इस वक्त बृक्ष का व्रत रखने से पति दीर्घायु होते और परिवार में सुख शांति आती है।