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    Saturday, April 20, 2024
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      ऐसी भैंस चरनी बच्ची की अकाल मौत से सरकारी तंत्र पर भी उठा सवाल

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा जिले के बेन थानान्तर्गत नोहसा पंचायत के भगवानपुर गांव में मंगलवार की सुबह ग्रामीण भैंस चराने निकली 7 वर्षीया बालिका का शव एक पइन से बरामद की गई। कल इस बच्ची की लापता होने की शिकायत स्थानीय थाना में दी गई थी।

      मामले की सूचना मिलते ही बेन पुलिस तुरंत हरकत में आई और थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद लापता बच्ची की खोज में जुट गई। इसी बीच ग्रामीणों में बच्ची को किसी बाइक सवार द्वारा जबरन उठा ले जाने और बच्चा चोर की करतूत की अफवाह भी उड़ाए जाने लगे।

      उन सारे पहलुओं के मद्देनजर पुलिस पड़ताल और छापामारी जारी ही थी कि आज अहले सुबह उस बच्ची का शव पहन में मिली। जाहिर है कि भैंस चराने के क्रम में किसी तरह वह बच्ची पइन में फिसल गई और पानी में तैरने न आने की वजह से डूबने के कारण मौत हो गई।

      bachchi maut 1बच्ची के शव वरामद होने के बाद लोग उसके परिजनों को सरकारी मुआवजा की मांग पर अड़ गए। पुलिस तो मौके पर मौजूद थी, लेकिन बेन अंचलाधिकारी के लेटलतीफी के कारण लोगों में क्षोभ देखा गया। उनके घंटो बाद पहुंचने के साथ ही मुआबजा देने के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए और पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया।

      घटना की बाबत बताया जाता है कि कल सुबह करीब 8-9 बजे भगवानपुर गांव निवासी   अनिल यादव की 7 वर्षीय पुत्री स्नेहा अन्य चरवाहों के साथ अपनी भैंस चराने को निकली, लेकिन गांव से कुछ दूरी बाद देखते ही देखते वह बच्ची सभी चरवाहे के नजर से ओझल हो गयी।

      बच्ची की अचानक लापता होने की सूचना मिलते ही माता-पिता व परिजन काफी खोजबीन करने के बाद स्थानीय बेन थाना में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया।

      उसके बाद थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद सदल-बल के साथ बच्ची के खोजबीन में जुट गई। हालांकि शुरुआती आशंका जताई जा रही थी कि बच्ची कहीं पानी से भरे गहरे पइन में तो नहीं गिर गई। पुलिस ने पइन के कई लोकेशन पर बच्ची को पानी में ढूंढने का प्रयास भी किया।

      इसी भी बच्ची का अपहरण कर बाइक से उठा ले जाने एवं बच्चा चोर की करतूत की अफवाह से पुलिस की परेशानी काफी बढ़ गई। उसके बाद पुलिस ने क्षेत्र में कई स्थानों पर सघन छापामारी अभियान छेड़ दी। इसी दौरान आज अहले सुबह बच्ची का शव गांव के पइन में छहलाई मिली। 

      हालांकि, यह हादसा सरकारी योजनाओ की जमीनी व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल उठाता है। बिटिया पढ़ाओ-बिटिया बचाओ की समस्त सरकारी योजनाओं की ऐसी की तैसी करती है। एक सात वर्षीय बच्ची पढ़ाई की जगह भैंस चरा रही थी और उस दौरान उसकी पानी में डूबने से अकाल मौत हो गई। क्या सुशासन बाबू का तंत्र भी “गइया-भैंसिया चरती जाए, देहाती गरीब बिटिया पढ़ती जाए” की नीति पर काम कर रही है ?

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