“फिलहाल नगर पंचायत में यह खेल चलता रहेगा। क्योंकि कार्यपालक पदाधिकारी पर दबाब है कि अवैध रूप से हुए विभागीय कार्यो का लाखों-करोड़ का बिल भुगतान लंबित है….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। राजगीर नगर पंचायत कार्यालय में आज कल जन सुविधा वाले कार्यों पर कम और लूटपाट वाली योजनाओं पर वार्ड पार्षद और उनके पति प्रतिनिधि ज्यादा दिमाग लगा रहे हैं। तभी तो इन दिनों यह कार्यालय काफी विवादों में चल रहा है।
बीते कल शनिवार दिन अपराह्न में नगर पंचायत कार्यालय में ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब नगर उपाध्यक्ष पिंकी देवी के पति अशोक कुमार राय और दो वार्ड पार्षद पंकज कुमार और उमेश रजक कार्यपालक पदाधिकारी प्रथमा पुष्पांकर की अनुपस्थिति में कार्यालय के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे और गलत तरीके से सरकारी कागजातों को हथियाने का प्रयास कर रहे थे।
कार्यपालक पदाधिकारी को जब इसकी सूचना मिली तो वे आनन फानन कार्यालय पहुंचकर उनलोगों को रोकने का प्रयास की और राजगीर डीएसपी को इसकी सूचना दी।
इस सूचना पर डीएसपी ने तुरंत राजगीर थाना पुलिस को नगर पंचायत कार्यालय भेजा तब जाकर कुछ फाइल बच सकी।
हालांकि वार्ड पार्षद उमेश रजक और पंकज कुमार लेखा समिति के सदस्य होने के नाते कागजात लेने की बात कर रहे थे। वही एक और सदस्य वार्ड 17 के श्रवण कुमार इस मामले में अनभिज्ञ थे।
वही नगर के सत्ताधारी दल से जुड़े वार्ड पार्षद की मानें तो कार्यालय में उपाध्यक्ष के पति के द्वारा सिर्फ अवैध कार्य करवाये जा रहे है।अनगिनत ऐसे कार्य का भुगतान कुछ माह पहले पूर्व के कार्यपालक पदाधिकारी के समय में हुआ है, जो कार्य ज़मीन पर हुआ ही नहीं है।
कुछ दिन पूर्व भी वार्ड पार्षदों ने उपाध्यक्ष पिंकी देवी के खिलाफ लाये अविश्वास प्रस्ताव में जमकर मनमानी, अवैध कार्यो को अंजाम देने आदि का आरोप लगाया था।
बहरहाल, लूट की छूट तो मिलती है, लेकिन जब इनमें बाधा आए तो इसकी तकलीफ जनप्रतिनिधियों और उनके पतियों को होनी स्वाभाविक है।