“पर्यवेक्षण गृह के बच्चों का हर कानूनी अधिकार सुरक्षित रखा जाएगा। वे किशोर न्याय परिषद के तहत मिलने वाले अधिकार से वंचित नहीं होंगे…….”
नालंदा दर्पण डेस्क। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह पर्यवेक्षण और बाल गृह कमेटी के अध्यक्ष एसीजेएम आदित्य पांडेय ने उक्त बातों के साथ विधिक सेवा सदन में सदस्यों को कई दिशा निर्देश देने के साथ बच्चों को मिलने वाली सहायता की समीक्षा भी की।
इसके बाद सचिव श्री पांडेय, किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा के साथ पर्यवेक्षक गृह का जायजा भी लिया। गृह में मिलने वाले भोजन, मनोरंजन, पुस्तकालय, शिक्षा व स्वास्थ्य संबंधी सारी गतिविधियों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को बच्चों के खानपान में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतने की हिदायत दी।
टीम ने कौशल विकास योजना के तहत बच्चों को मिलने वाली प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी जानकारी ली। बच्चों के बनाए मोमबत्ती, फर्नीचर, गुलदस्ता, थैला, टोपी व अन्य उत्पादों को देखकर प्रभावित हुए।
दो ऐसे बच्चे भी मिले, जिनकी उम्र सुनवाई के दौरान 18 वर्ष हो चुकी है। इसकी सुनवाई बाल न्यायालय में हो रही है। ये दोनों किशोर दहेज व हत्या मामले से जुड़े हैं। बच्चों से अलग रखने व विशेष सतर्कता बरतने कहा है। ताकि बड़े बच्चे छोटों को प्रताड़ित न कर सकें।
इस मौके पर जज कुमारी अंजली, कणिका यादव, जेल अधीक्षक पंकज कुमार, काउंसलर प्रमोद कुमार आदि मौजूद थे।