“एक दशक बाद किसी मंगोलियन राष्ट्रपति का भारत दौरा हुआ है। दोनों देश के बीच 2500 सौ साल से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। राष्ट्रपति बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं…………”
नालंदा दर्पण (दीपक विश्वकर्मा)। मंगोलिया के राष्ट्रपति खल्तमागीन बत्तुल्गा अपने 70 सदस्यीय टीम के साथ नालंदा पहुंचे, जहाँ उन्होंने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष का अवलोकन किया। इस मौके पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे। राष्ट्पति करीब एक घंटे तक पूरे खंडहर का भर्मण कर यहां के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी ली।
मंगोलिया में भारत के राजदूत एमपी सिंह ने बताया कि राष्ट्पति के साथ 70 लोगों का शिष्टमंडल है, जिनमें मंगोलिया के 40 बिजनेसमैन है।
उन्होंने बताया कि 10 साल बाद किसी मंगोलियन राष्ट्रपति का भारत दौरा हुआ है। हमारे और मंगोलिया के बीच 2500 सौ साल से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। राष्ट्रपति बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं और यहां आकर उन्हें काफी अच्छा लगा और उन्होंने महाबोधी टेंपल बोधगया और उसके बाद उन्होंने नालंदा का भ्रमण किया है।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बौद्ध धर्म से जुड़े हुए जो चीजें हैं, उसे आज दुनिया में अपनाने की जरूरत है। ताकि शांति प्रेम आपस में मिल्लत भाईचारा पैदा हो सकें और जो बौद्ध धर्म है, उस सब को जोड़ता है। सभी लोगो में प्रेम पैदा करता है। भाईचारा पैदा करता है।
खंडहर भर्मण के बाद राष्ट्पति नालंदा म्यूजियम गए और नालंदा खंडहर से खुदाई में मिले बुध्द मूर्तियों और अवशेषों को देखा। मंगोलिया के राष्ट्पति के साथ 40 बड़े बिजनेस मैन का भारत आगमन यह भारत और मंगोलिया के बीच व्यापारिक रिश्तो को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।