“राज्य सरकार सूबे में बेहतर शिक्षा देने के लाख दावे कर ले, लेकिन सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में ही खोखला साबित हो रहा है। इसकी बानगी आज बिहारशरीफ के चैनपुरा गांव स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिली………….”
एक्सपर्ट मी़डिया न्यूज नेटवर्क (दीपक विश्वकर्मा)। यहा अचानक स्कूल का छत भरभरा कर गिर पड़ा जिसके कारण इलाके में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया।
गनीमत यह रही कि मोहर्रम के कारण स्कूल में छुट्टी थी और कोई भी बच्चा वहां मौजूद नहीं था अगर आज छुट्टी न होती तो शायद बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल इस विद्यालय का निर्माण वर्ष 1985 में किया गया था। उसके एक दशक बाद से ही इसकी स्थिति जर्जर हो गई।
इस बाबत स्कूल के कई प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग को जर्जर भवन को ठीक कराने के लिए आवेदन दिया, बावजूद इसके इस भवन का न तो जीर्णोद्धार किया गया और न ही इसकी मरम्मत।
नतीजतन धीरे धीरे भवन जर्जर होता चला गया और आज स्कूल की छत ध्वस्त होकर गिर पड़ी। स्कूल की जर्जर हालत को देखकर इलाके के लोगों ने निर्णय ले लिया है कि वे अब अपने बच्चों को इस स्कूल में नहीं पढ़ाएंगे।
यह अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाका है ,जिसमें कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक के 145 बच्चे पढ़ते हैं।
विद्यालय के प्रिंसिपल मोहम्मद अजहर अकील ने बताया कि उनके पहले भी कई प्रिंसिपल ने सांसद विधायक मंत्री से लेकर कई हुक्मरानों से इस विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए गुहार लगाई, मगर इसका कोई फायदा नहीं मिल सका।