राजगीर (नालंदा दर्पण)। पर्यटन स्थली राजगीर नगर बस स्टैंड में उस समय अचानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब बस स्टैंड में नगर पँचायत की एक लाख लीटर क्षमता वाली जलमीनार का पानी अचानक पूरे प्रेशर में बह गया। इससे बस स्टैंड परिसर में अचानक अफरा तफरी का माहौल बन गया।
जाँच में पता चला कि चेक वाल्भ के खराब हो जाने के कारण यह परिस्थिति बनी की लाखों गैलन पानी सड़को पर बह गया।
मौके पर नगर पँचायत द्वारा पानी आपूर्ति में अवैध बहाल बिना तकनीकी वाले मिस्त्री / मैकेनिकल / इंजीनियर हाथ पर हाथ धरे नज़र आये। तब आनन फानन में पीएचईडी के मिस्त्रियों को बुलाकर इसको मरम्मती करने का काम शुरू हुआ।
यहां हर महीना मोटर जलने की शिकायत तो पानी का सप्ताह भर तक आपूर्ति नहीं होने की शिकायत बनी रहती है।
विदित हो कि नगर पँचायत को पेयजलापूर्ति हस्तांतरण पीएचईडी के द्वारा वर्ष 2017 में होने के बाद अयोग्य लोगो की अवैध बहाली से लगातार पानी आपूर्ति बाधित होते रहता है।
नगर पँचायत में पानी आपूर्ति में अवैध बहाली की शिकायत नगर विकास विभाग के पास पूर्व में ही नगर के प्रतिनिधियों ने की है।
नगर पँचायत में पानी आपूर्ति के नाम पर दर्जनों लोग घर बैठे वेतन उठा रहे हैं। फिलहाल पीएचईडी के कर्मी युद्धस्तर पर मरम्मती में लगे हुए हैं।
स्थानीय राजगीर के लोग पानी आपूर्ति की जबाबदेही पुनः पीएचईडी को देने की मांग करते रहे हैं। शहरी क्षेत्र में पानी के सप्लाई आज भी पीएचईडी पर ही निर्भर करती है।
यही वजह है कि मरम्मती में लगे कर्मी कभी अपने को नगर पँचायत का कर्मी तो कभी पीएचईडी का कर्मी बता रहे थे। वहीं पेयजलापूर्ति देखने वाले स्थानीय संवेदक मनोज कुमार तो अपने आपको सिर्फ पब्लिक ही कहकर झेंप गए।