नालंदा दर्पण डेस्क। जिला प्रशासन की अधिकृत फेसबुक पेज District Administration, Nalanda पर आज से शुरु मैट्रिक परीक्षा से संबंधित एक पोस्ट की गई है। वेशक यह पोस्ट पिछले 15 वर्षों से सीएम नीतीश कुमार के कायम सुशासन और निरंतर विकास की पोल उन्हीं के गृह जिले में खोल रही है।
पोस्ट में लिखा गया है कि जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने वार्षिक माध्यमिक (मैट्रिक) परीक्षा 2020 के पहले दिन विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।
उनके द्वारा अल्लामा इकबाल कॉलेज बिहार शरीफ, आदर्श उच्च विद्यालय बिहार शरीफ तथा नालंदा कॉलेज बिहारशरीफ परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के क्रम में परीक्षा केंद्रों पर कुछ परीक्षार्थी आपस में बातचीत के माध्यम से कदाचार करते हुए पाए गए।
जिला पदाधिकारी ने अल्लामा इकबाल कॉलेज परीक्षा केंद्र के स्टैटिक दंडाधिकारी मोहित सिन्हा परिक्ष्यमान राजस्व अधिकारी अंचल कार्यालय अस्थावां तथा आदर्श उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र के स्टैटिक दंडाधिकारी जयेश कुमार सिन्हा उप नगर आयुक्त से स्पष्टीकरण पूछा।
साथ ही उन्होंने अल्लामा इकबाल कॉलेज परीक्षा केंद्र के दो वीक्षक उपेंद्र प्रसाद सिंह एवं मोहम्मद फुरकान आलम, आदर्श उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र के वीक्षक दयानंद मिश्रा तथा नालंदा कॉलेज में वीक्षण कार्य कर रही शिक्षिका चंचला कुमारी एवं करुणा कुमारी को वीक्षण कार्य से मुक्त करने का निर्देश संबंधित केंद्र अधीक्षक को दिया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि परीक्षा का स्वच्छ एवं पूर्णत: कदाचार मुक्त वातावरण में आयोजन सुनिश्चित कराना सभी की जिम्मेदारी है। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले दंडाधिकारी, वीक्षक एवं केंद्र अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
नालंदा जिलाधिकारी के इस पोस्ट में तीन तस्वीरें भी संलग्न की गई है। यह तस्वीरें सीएम नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा की शिक्षा व्यवस्था को काफी शर्मसार करती है और यह दर्शाती है कि स्कूली बच्चों से मानव श्रृखंला बना इतिहास रचने का ढोंग रचने वाले शासन तंत्र ने कभी विश्व को उपदेश देने वाली नालंदा में शिक्षा का क्या हाल बना दिया है?