हिलसा (नालंदा दर्पण)। हिलसा प्रखंड के इन्दौत पंचायत के विभिन्न गाँव के रहने वाले करीब 20 परिवार लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के मुम्बई से 5-5 हजार रुपया भाड़ा देकर किसी तरह ट्रक के माध्यम से सोमवार की शाम को पहुंचे।
लेकिन उन्हें पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर बभनवरुई में इंट्री नहीं ली गयी। जिसके कारण सभी प्रवासी मजदूर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को विवश नजर आए।
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वे लोग महाराष्ट्र के मुंबई में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन के कारण कम्पनी बन्द हो गई। जिसके बाद हमलोग को खाने व रहने की काफी दिक्कत होने लगा।
किसी तरह अपने परिवार से पैसा का व्यवस्था किया और 5-5 हजार रुपया प्रति मजदूर भाड़ा देकर ट्रक से आये, लेकिन क्वारंटाइन सेंटर में इंट्री नही ली गयी।
उसके बाद क्वारंटाइन के बाहर खुले आसमान के नीचे पूरी रात गुजारे। उन्हें नाश्ता भोजन नहीं दिया गया। वहीं गोद के मासूम बालक भी दूध की जगह पर पानी देकर गुजारा कर रहे है।
अभी तक मुखिया के द्वारा कोई भी व्यवस्था नही किया जा सका है। वही पहले से क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे 39 प्रवासी मजदूरों ने भी बदइंतजामी की पोल खोलते हुए कहा कि नाश्ता नही मिलता है एवं घटिया भोजन दिए जाने का आरोप लगाया।
क्वारंटाइन सेंटर के प्रभारी सतेंद्र कुमार ने सेंटर में जगह नहीं होने का हवाला देते हुए प्रवासी को रखने से हाथ खड़ा कर दिया।
हालांकि इस सबंध में जब बीडीओ से जानकारी लेने का प्रयास किया, लेकिन वे खुद मोबाईल समेत कोरोटाइन पाए गए।