Home नालंदा ACS सिद्धार्थ ने शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण को लेकर दिया बड़ा आदेश

ACS सिद्धार्थ ने शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण को लेकर दिया बड़ा आदेश

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ACS Siddharth gave a big order regarding in-service training of teachers
ACS Siddharth gave a big order regarding in-service training of teachers

पटना (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण की प्रक्रिया को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य अपर सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक को पत्र लिखकर शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्देश दिया है।

प्रशिक्षण जिला स्तर पर होगाः डॉ. सिद्धार्थ ने निर्देश दिया है कि शिक्षकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण उनके वर्तमान पदस्थापन वाले जिले में ही आयोजित किया जाए। इससे शिक्षकों को प्रशिक्षण स्थल तक पहुंचने में कोई असुविधा न हो और प्रशासनिक प्रक्रिया में सरलता आए।

पूर्व सूचना की व्यवस्थाः प्रशिक्षण में शिक्षकों की 100% भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें कम-से-कम एक सप्ताह पूर्व सूचना दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य शिक्षकों को अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का पर्याप्त समय देना है।

तीन बार बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्यः सेवाकालीन प्रशिक्षण में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक दिन तीन बार बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया प्रशिक्षण की पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने में सहायक होगी।

प्रमाण-पत्र भी बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार परः शिक्षकों को प्रशिक्षण पूर्ण करने का प्रमाण-पत्र केवल बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही प्रदान किया जाएगा। इस नियम से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर सख्ती सुनिश्चित होगी।

जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देशः शिक्षा विभाग ने इस आदेश की प्रतिलिपि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी भेजी है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि उक्त प्रक्रियाओं का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने की पहलः शिक्षा विभाग के इस कदम को शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक ठोस पहल माना जा रहा है।

विभाग का मानना है कि शिक्षकों का प्रभावी प्रशिक्षण छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि नए नियमों का असर विद्यालयों के शैक्षणिक माहौल पर कितना प्रभावी होता है।

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