नालंदा दर्पण डेस्क। यह मामला बिहार शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। तकनीक के दुरुपयोग और जिम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति ने शिक्षकों की साख को धूमिल कर दिया है। हालांकि स्थानीय स्तर पर वैसे दो BPSC शिक्षिकाओं के पकड़ में आने के बाद कार्रवाई की गई है।
भता दें कि समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड में दो शिक्षिकाओं द्वारा ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करने में किए गए अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इससे शिक्षा महकमा भी सकते में है।
मध्य विद्यालय मऊ में पदस्थापित शिक्षिकाएं जगमग ज्योति और शुभद्रा कुमारी पर आरोप है कि वे ई-शिक्षाकोश ऐप के माध्यम से अटेंडेंस दर्ज करने के लिए अपनी तस्वीर की जगह पेड़, झाड़ी, मास्क और कभी-कभी कैमरे पर हाथ रखकर फोटो अपलोड करती थीं।
कई बार तो गाड़ी में बैठकर ही अटेंडेंस दर्ज कर दी जाती थी। जिससे साफ होता है कि वास्तविक अटेंडेंस स्कूल के किसी अन्य शिक्षक या शिक्षिका के मोबाइल से बनाई जाती थी।
शिक्षा विभाग के अनुसार दोनों शिक्षिकाएं नियमित रूप से स्कूल में देर से आती थीं और कई बार जांच के दौरान पाया गया कि वे बिना सूचना दिए दोपहर 2 बजे ही स्कूल से निकल जाती थीं। जबकि आधिकारिक समय से पहले जाने की कोई अनुमति नहीं होती।
बीते 9 अक्टूबर 2024 को की गई जांच में यह भी सामने आया कि दोनों शिक्षिकाएं फिर से बिना किसी सूचना के विद्यालय छोड़कर चली गई थीं। इस गंभीर लापरवाही को ध्यान में रखते हुए विद्यापतिनगर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने उनका एक सप्ताह का वेतन काटने का निर्णय लिया और 2 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। यदि उनका स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो उनके खिलाफ और कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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