नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड के दामोदरपुर के 70 वर्षीय वृद्ध सकलदीप राम का निधन लंबी बीमारी की वजह से हो गई। सकलदीप राम एक वर्षों से बिल्कुल अभाव में जी रहे थे। आजीविका के रूप में वृद्धावस्था पेंशन ही उनका सहारा था।
उनके निधन के बाद परिजन के सामने अंतिम संस्कार की चिंता आ गई। न मुखिया का सहारा, न कोई अन्य जनप्रतिनिधि ही उनकी मदद को आगे आए। परिजन बेचारगी के भंवर में थे। निराशा की लहर में गोते लगा रहे थे।
परिजन पड़ोसियों के मदद की बाट जोह रहे थे। लगा कोई देवता बनकर मदद को उतर जाएं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सकलदीप राम की मौत पर भले ही लोग सांत्वना दे रहे थे। लेकिन किसी ने सोचा नहीं कि आखिर इनका क्रिया कर्म कैसे होगा।
इसी बीच राजीव रंजन नामक युवक ने सकलदीप राम की निधन और उनके परिजन की बेबसी की सूचना पाकर दौड़े हुए गांव पहुंचे। दुःख की घड़ी में परिजन को अपनी ओर से तत्काल मदद स्वरूप 2100 रूपये दिया। साथ ही उन्होंने अन्य मदद का आश्वासन दिया।
उधर ग्रामीणों ने कहा कि जिस पंचायत के मुखिया को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार दिया गया हो, उस पंचायत के मुखिया के लिए गरीबों की मौत का कोई मोल नहीं है। मुखिया से लेकर वार्ड सदस्य तक झांकने नहीं आए। ऐसे में राजीव रंजन उनके मददगार बनकर आएं।