“बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में ही फिल्म रईश का तंत्र हावी है। कतिपय पुलिस-प्रशासन एवं उत्पाद विभाग की मिलीभगत से बच्चों-किशोरों को शराब तस्करी के लिए माफिया अपना निशाना बना रहे हैं। इसी बीच जिला बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने एक बार फिर अनूठा फैसला सुनाते हुए शराबबंदी-सुशासन-विकास को नंगा कर दिया है…
नालंदा दर्पण डेस्क। खबर है कि बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने मानवीय आधार पर शराब तस्करी के आरोपी किशोर को पेशी के साथ ही आरोपमुक्त कर दिया है और विभागीय अफसरों एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों को किशोर व उसके परिवार की जरूरतों को पूरा करने का निर्देश दिया है।
खबरों के मुताबिक सारे थाना प्रभारी सह बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी ने आरोपी किशोर को जेजेबी में पेश किया था। जेजेबी में पूछताछ के दौरान किशोर जोर जोर से रो कर जेल नहीं भेजने की गुहार लगाने लगा और बताया कि यदि वह जेल चला गया तो उसके पीछे उसकी चार छोटी बहनें भूखी मर जाएगी।
किशोर की बात सुनकर जज मिश्रा ने जेल नहीं भेजे जाने का आश्वासन देकर काउंसिलिंग की तो पता चला कि किशोर की मजबूरी का फायदा उठाकर शराब के धंधेबाजों ने उसे शराब की तस्करी से जोड़ा है। उसका कोई पुराना आपराधिक इतिहास भी नहीं है। इसके बाद किशोर को आरोपमुक्त कर दिया।
जज मिश्र के निर्देश पर किशोर के घर में तत्काल राहत सामग्री के रूप में अनाज आदि उपलब्ध कराई गई है।
खबरों के मुताबिक सारे थाना पुलिस संध्या गश्ती कर रही थी कि इसी दौरान ओन्दा की ओर से एक बाइक पर सवार दो व्यक्ति गैलन लेकर आते दिखे। पुलिस को देखते ही वे भागने लगे। लेकिन खदेड़ कर पकड़ लिया गया। जिसके पास से गैलन में 10 लीटर चुलाउ शराब थी।
खबरों के अनुसार आरोपी किशोर ने बताया कि उसकी मां की मौत हो चुकी है। पिता शराबी हैं। दिन रात शराब के नशे में रहते हैं। पिता फूल माला बनाते हैं। लेकिन कोरोना के कारण मन्दिर बंद रहने से यह काम भी बंद है। जबकि घर में बूढ़ी दादी के अलावा 2,3,4 और 7 साल की छोटी बहनें हैं। वह गांव और सारे में थोड़ी बहुत मजदूरी कर लेता था। इधर कुछ दिनों से कोई काम नहीं मिला है।
खबरों के अनुसार प्रतिबंधित शराब तस्करी के धंधे से जुड़ने की बाबत आरोपी किशोर ने कोर्ट को बताया कि उसकी छोटी बहनों के लिए बिस्किट टॉफी की व्यवस्था करने घर से निकला था। उसकी बहन ने पिता से बिस्किट और टॉफी मांगा था। पिता ने गाली देते हुए थप्पड़ जड़ दिया था। इससे आहत होकर ही वह पैसा की व्यवस्था करने घर से निकला था।
आरोपी किशोर ने कोर्ट को आगे बताया कि इसी दौरान वह धंधेबाजों के झांसे में आ गया। उसने अपने गांव के ही महेंद्र दाढ़ी से काम मांगा। उसने 100 रुपये देते हुए महेश केवट के साथ बाइक पर एक गैलन लेकर साथ जाने को कहा।
शराब की बदबू आने पर उसने पूछा तो महेंद्र ने कहा कि वह बच्चा है। उसपर कोई शक नहीं करेगा। ऊपर तक सब मैनेज है।
इंकार करने पर वह रुपये वापस लेने लगा। तत्पश्चात घर चलाने की मजबूरी और छोटी बहनों को खुश करने के लिये वह शराब तस्करी में सहयोग के लिए तैयार हो गया और इसी दौरान वह महेश केवट के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया।