Home धर्म-कर्म खरमास खत्म होते ही गूंजने लगीं शहनाइयां, जानें 2025 के शुभ लग्न-मुहूर्त

खरमास खत्म होते ही गूंजने लगीं शहनाइयां, जानें 2025 के शुभ लग्न-मुहूर्त

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As soon as Kharmas ended, the sound of Shehnai started resonating, know the auspicious Lagna-Muhurat of 2025
As soon as Kharmas ended, the sound of Shehnai started resonating, know the auspicious Lagna-Muhurat of 2025

हिलसा (नालंदा दर्पण)। नया साल 2025 शादी-विवाह की खुशियों का अनमोल तोहफा लेकर आया है। खरमास की समाप्ति के बाद 16 जनवरी से विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस वर्ष शादी-विवाह के लिए कुल 75 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। जिनमें से कई अबूझ मुहूर्त हैं। जैसे बसंत पंचमी (2 फरवरी), अक्षय तृतीया (30 अप्रैल), पीपल पूर्णिमा (12 मई) और देवउठनी एकादशी (1 नवंबर)।

शादी-विवाह के लिए इस वर्ष शुभ तिथियों का सिलसिला जनवरी से दिसंबर तक फैला हुआ है। आइए जानते हैं हर महीने के प्रमुख शुभ मुहूर्त-

  • जनवरी 2025: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 तारीख।
  • फरवरी 2025: 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 और 25 तारीख।
  • मार्च 2025: 1, 2, 6, 7 और 12 तारीख।
  • अप्रैल 2025: 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 तारीख।
  • मई 2025: 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 तारीख।
  • जून 2025: 2, 4, 5, 7 और 8 तारीख।
  • नवंबर 2025: 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 तारीख।
  • दिसंबर 2025: 4, 5 और 6 तारीख।

बता दें कि शादी-विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त को सबसे पवित्र और बिना किसी ज्योतिषीय बाधा का माना जाता है। इन तिथियों पर किसी भी प्रकार के दोष का प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे विवाह का आयोजन सुगमता से होता है।

हालांकि विवाह के लिए मुहूर्त पहले से निर्धारित हैं। लेकिन व्यक्तिगत कुंडली और ग्रह दशा के आधार पर तिथि का चयन करना अधिक लाभकारी होता है। ज्योतिषियों के अनुसार तीथि, स्थान और ग्रहों की चाल को ध्यान में रखकर विवाह की तारीख तय करना शुभ फल देता है।

खरमास को शुभ कार्यों के लिए निषेध माना जाता है। वह 15 जनवरी को समाप्त हो गया है। इसके बाद पूरे देश में शादी-ब्याह और अन्य मांगलिक कार्यों की धूम शुरू हो गई है। बैंड-बाजे और शहनाइयों की गूंज ने वातावरण को उल्लास से भर दिया है। बाजारों में शादी के सामान की खरीदारी और पंडालों की बुकिंग से लेकर बैंड-बाजे की धुन तक हर ओर उत्सव का माहौल है।

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