बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। जिला प्रशासन के नाक तले अवस्थित बिहारशरीफ सदर अस्पताल में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आम गरीब लोग यहँ बेहतर इलाज कराने के लिए आते हैं और दोहन के शिकार हो जाते हैं।
इस सदर अस्पताल में बिना नजराना के न इलाज होता है और न ही किसी तरह के मेडिकल सर्टिफिकेट ही निर्गत किए जाते हैं। रोते बिलखते परिजनों के सामने भी यहाँ के चिकित्क-कर्मी 24 घंटे चांडाल की भूमिका में दिखते हैं।
यहाँ प्रसव-ईलाज कराने आने वाली महिला प्रसूतियों से प्रसव के नाम पर 3000 की वसूली की जाती है। इतना ही नहीं, मरीज के परिजनों को इतना भयभीत कर दिया जाता है कि वे प्राइवेट नर्सिंग होम का सहारा लेने को विवश होते हैं।
बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मघड़ा गांव निवासी रमनती देवी अपनी पुत्री का प्रसव कराने के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल पहुंची, जहां अस्पताल कर्मियों के द्वारा नॉर्मल डिलीवरी के नाम पर उनसे 3000 रुपए की नजराना मांगे गए।