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    Friday, March 29, 2024
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      बस ने बाइक को रौंदा, 2 युवक की मौत, 4.2-4.2 लाख मुआवजा मिलने पर हटा सड़क जाम

      इस दौरान बस रोकने की बजाय बाइक को करीब पांच सौ मीटर तक घसीटा। लोगों ने बस को खदेड़ा भी। पर बस को गोनावां हाईस्कूल के निकट छोड़कर ड्राइवर सहित अन्य खंधे में निकल भागे। बस में ड्राइवर सहित मात्र पांच-सात लोग सवार बताये जा रहे हैं...

      बिहार शरीफ(तालीब)। हरनौत थाना क्षेत्र के गोनावां गांव के निकट बरबीघा की ओर से आ रही बेकाबू यात्री बस ने बुलेट सवार दो युवकों को रौंद दिया। इसमें एक युवक की मौत मौके पर हो गई। जबकि, दूसरे युवक की मौत पटना जाते समय नगरनौसा के निकट हो गई।

      harnaut sadak hadsaइस हादसा से आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब चार घंटे तक सड़क को जाम रखा। बाद में हरनौत व रहुई के सीओ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने दोनों मृतक के आश्रितों को चार-चार लाख का चेक दिया। इसके बाद जाम हटाया जा सका। दोनों मृतक की लाश का पोस्टमार्टम करवाकर उनके परिवार को सौंप दिया गया।

      सीओ नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इसके अलावा पारिवारिक लाभ योजना से नगद बीस-बीस हजार रुपये भी दिये गये। मृतकों की पहचान गोखुलपुर ओपी के धिमोय निवासी स्व धन्नू बिंद का पुत्र 35 वर्षीय दानी बिंद और रहुई प्रखंड के सुपासंग निवासी नंदलाल बिंद का 19 वर्षीय पुत्र हेमंत बताया जाता है। घटना में बाईक के परखच्चे उड़ गये।

      मृतकों में गोखुलपुर ओपी के धिमोय निवासी स्व धन्नू बिंद का पुत्र 35 वर्षीय दानी बिंद और रहुई प्रखंड के सुपासंग निवासी नंदलाल बिंद का 19 वर्षीय पुत्र हेमंत बताया जाता है। घटना में बुलेट के परखच्चे उड़ गये।

      प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नंदनी ट्रेवल्स नाम की बस बरबीघा से पटना की ओर जा रही थी। इसी दौरान गोनावां-निजाय पथ से बुलेट पर सवार दो युवक संपर्क पथ से एनएच-30ए पर उतरे। उसी दौरान सड़क पुल पर बेकाबू बस ने बाइक को अपनी चपेट में ले लिया।

      इस हादसे में दो परिवारों का सहारा छीन गया, गांव में कोहराम मच गया है। चौरिया पंचायत के धिमोय गांव निवासी स्व धन्नू बिंद का सबसे बड़ा बेटा दानी बिंद था। उसकी पत्नी धर्मशीला देवी से दो बेटे और एक बेटी हैं। दानी बिंद का मंझला भाई स्वभाव से अल्हड़ और संझला भाई बधिर है। इस वजह से मां के साथ पूरे परिवार की देखरेख का जिम्मा मृतक दानी बिंद पर ही था।

      इसी तरह हेमंत भी रहुई प्रखंड के सुपासंग गांव निवासी नंदलाल बिंद का बड़ा बेटा था। बाकी दो उससे छोटे थे। वह अविवाहित था। पर, पिता का हाथ टूटने की वजह से परिवार की देखरेख वही करता था।

      इस घटना से परिवार में तो कोई होश-हवास में नहीं है। जबकि, उनके गांवों में भी कोहराम मचा है। दोनों युवक अपने गांव-जवार के सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते थे। बताते हैं कि आज भी दोनों किसी परिचित के यहां उनकी बच्ची के शादी-ब्याह की तैयारी के उद्देश्य से निकले थे। पर, घटना ने उनको अपनों से ही बिछुड़ा दिया।

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