“सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि गौढ़ापर गांव से एसएच-78 तक रास्ता बिल्कुल कच्ची है। बरसात में इस रास्ते से गुजरना बड़ी मुसीबत बन जाती है…
नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में एक बड़ी त्रासदी बनकर यह उभरी है कि यहाँ बिना हो-हल्ला और सड़क जाम किए प्रशासन के जिम्मेवार अफसरों की नींद नहीं खुलती है।
खबर है कि चंडी प्रखंड के गौढ़ापर गांव के ग्रामीण गली-नाली बनाने की माँग करते हुए सड़क पर उतर आए। इस कारण चंडी-नूरसराय मार्ग को घंटो जाम रखा और जमकर हो-हंगामा मचाया। जिसमें प्रायः युवा, बच्चे और महिलाएं शामिल थीं।
ग्रमीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि-अफसरों की मनमानी से उनका जीवन काफी नारकीय हो गया है। सीएम सात निश्चय योजना से आस पास के गांवों की तस्वीर बदली जा रही है, लेकिन गौढ़ापर गांव आज भी बदहाल है। कच्ची सड़क पर नाले का पानी बहता रहता है।
इसी समस्या ग्रामीणों ने चंडी-नूरसराय पथ को घंटों जाम रखा। जिसे हटाने में पुलिस-प्रशासन के पसीने छूट गए। घंटों सड़क जाम रहने से पटना, बिहारशरीफ तथा सरमेरा जाने वाली गाड़ियों की लगभग चार किलोमीटर लंबी कतार लग गई।
इसकी सूचना चंडी बीडीओ, सीओ और थानेदार जामस्थल पहुंचे और पक्की गली-नाली के निर्माण का भरोसा दिया। तब जाकर लोग जाम हटाने को तैयार हुए।