Home चुनाव फिलहाल हरनौत के ‘नारायण’ से मुकाबला में आने की मची है होड़...

फिलहाल हरनौत के ‘नारायण’ से मुकाबला में आने की मची है होड़ !

श्री सिंह की मानें तो वे निवर्तमान सीएम एवं पार्टी नेता नीतीश कुमार के अनुरोध-निर्देश पर नौवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं और इस बार उनका मुकाबला किसी से नहीं है और वे भारी वोट से चुनाव जीतेंगे...

हरनौत (नालंदा दर्पण)। बिहार का नालंदा हलका सीएम नीतीश कुमार की जातीय गढ़ माना जाता है। लेकिन इस बार उनके चुनावी प्रत्याशी को कड़ी चुनौती मिल रही है। हिलसा, हरनौत, इस्लामपुर, राजगीर, अस्थावां, नालंदा में जदयू ने अपना प्रत्याशी उतारा है।

राजगीर में इस बार भाजपा के दिग्गज नेता एवं हरियाणा के राज्यपाल एसएन आर्या के पुत्र को मैदान में उतारा है। वहां के निवर्तमान जदयू विधायक कांग्रेस की नाव पर सवार हैं। जबकि हिलसा के निवर्तमान राजद विधायक के खिलाफ जदयू ने अपना उम्मीदवार दिया है। जो कि पिछली बार जदयूनीत महागठबंधन का झंडा लहराया था।

बहरहाल, नालंदा जिला का हरनौत विधानसभा क्षेत्र जदयू के सम्मान से जुड़ा है। नीतीश कुमार भी चुनावी राजनीति की शुरुआत इसी गृह क्षेत्र से की है। वे पहली बार यहीं से विधायक निर्वाचित हुए।

इस बार भी जदयू ने हरनौत के निवर्तमान पार्टी विधायक हरिनारायण सिंह पर ही भरोसा जताया है। नांलदा की राजनीति में श्री सिंह की अलग पहचान है। वे चंडी-हरनौत से आठ बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। वे लालू सरकार में कृषि मंत्री एवं नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।

श्री सिंह की मानें तो वे निवर्तमान सीएम एवं पार्टी नेता नीतीश कुमार के अनुरोध-निर्देश पर नौवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं और इस बार उनका मुकाबला किसी से नहीं है और वे भारी वोट से चुनाव जीतेंगे।

दरअसल, हरनौत में श्री सिंह जैसे अनुभवी प्रत्याशी के खिलाफ अन्य कोई उम्मीदवार सीधे मुकाबला में नहीं दिख रहा है। पिछली बार उनका मुकाबला लोजपा के अरुण बिंद से हुआ था। इस बार लोजपा ने नामांकण के ठीक पहले अपना प्रत्याशी बदल दिया और जदयू के एक नवोदित बागी नेत्री को टिकट दे दिया।

उधर महागठबंधन ने हरनौत सीट को कांग्रेस की झोली में डाल दिया। कांग्रेस ने ऐक ऐसे कार्यकर्ता को अपना उम्मीदवार बना दिया, जिससे क्षेत्र के लोग अपरिचित हैं। बसपा, जाप जैसी पार्टिंयो ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है तो अपने गाँव-जेवार के कई दमदार निर्दलीय भी ताल ठोक रहे हैं।

जाहिर है कि जदयू प्रत्याशी हरिमारायण सिंह से किसी एक प्रत्याशी का सीधा मुकाबला नहीं कहा जा सकता। यहां श्री सिंह विरोधी उम्मीदवारों के बीच निकटतम प्रतिद्वंदी बनने की लड़ाई ही दिख रही है।

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