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    Thursday, April 18, 2024
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      इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेवल’ के उद्घाटन पर कोरोना ब्रेक

      देखा जाए तो यह केंद्र जैविक सब्जियों की खेती के लिए एक क्रांति बन सकती है। बशर्ते सरकारी लापरवाही और उदासीनता न बरती जाए। यह प्रखंड के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है

      चंडी इंडो इजरायल कंपनी द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटवल 2नालंदा दर्पण डेस्क। इजरायल के सहयोग से चंडी के कृषि फार्म  की  जमीन पर निर्मित इंडो -इजरायल कंपनी द्वारा सेंटर ऑफ ‘एक्सीलेंस फॉर वेजिटवल’ के 50 टन क्षमता वाला शीत भंडार गृह के उद्घाटन पर कोरोना ने ब्रेक लगा दी है।

      अब शायद इसका उद्घाटन अगले वर्ष नयी सरकार के हाथ ही होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट में एसी वर्कशॉप, उधान कृषि कार्यालय भी शामिल है। जो उद्घाटन की बाट जोह रहा है

      सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में हरी सब्जियों के लिए 50 टन क्षमता वाला शीत भंडार गृह, कार्यालय एवं वर्कशॉप के निर्माण के लिए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने 10 अक्टूबर, 2018 को लगभग 3 करोड़ 42 लाख की लागत की परियोजनाओं का आधारशीला रखी थी।

      उम्मीद की जा रही थी कि सीएम नीतीश कुमार के हाथों इसका उद्घाटन मार्च-अप्रैल में हो जाना चाहिए था। लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप ने ग्रहण लगा दिया।

      कभी कृषि फार्म की इस जमीन पर खेती होती थी। हलवाहे हुआ करते थे। सिंचाई के लिए ट्यूब बेल भी थे। इसी कृषि फार्म पर प्रखंड कार्यालय का निर्माण हुआ। फिर पांच एकड़ की जमीन पर रेफरल अस्पताल भी बना।

      जब सीएम नीतीश कुमार केंद्र में पहली बार कृषि मंत्री बने तो लोगों की आशा बढ़ चली थी कि फार्म की जमीन पर विज्ञान केन्द्र बनेगा। उनकी आशा फलीभूत होती। इसी बीच नीतीश कुमार कृषि विज्ञान केन्द्र को हरनौत हस्तांतरित करवा दिया।

      तब से यह जमीन बंजर और उपेक्षित पड़ी थी। इसी बीच इजरायल सरकार की नजरें इनायत हुई देश भर में पचास से ज्यादा एक्सीलेंस सेंटर में चंडी का भी भाग्य खुला।कभी बंजर रहने वाली धरा अब हरियाली फैला रही है।

      ‘इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटवल’ में प्रतिदिन 10 लाख टन सब्जियों के आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। वैसे अभी यहाँ से विभिन्न प्रकार की जैविक सब्जियों का उत्पादन और आपूर्ति हो रही है।

      बिहारशरीफ में इसकी आपूर्ति की जा रही जबकि केंद्र से भी सब्जियों की बिक्री हो रही है। लॉकडाउन में जब सब्जियों की आमद कम हुई तो सेंटर में सब्जियों की बुकिंग कराने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।

      बताया जाता है कि यहाँ साधारण टमाटर से लेकर चेरी और सीजेन्टा टमाटर का उत्पादन भी होता है। इसके अलावा शिमला मिर्च, लौकी, बैंगन, फूलगोभी, बंधागोभी,प्याज और करेला प्रमुखता से उत्पादित किया जाता रहा है।

      इस केंद्र में दो हजार वर्ग मीटर में हाईटेक नर्सरी भी है। इसी में सब्जियों के पौधे भी उगाए जाते है। इस केंद्र की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ तापमान को नियंत्रित कर बेमौसमी सब्जियाँ भी उगाई जाती है।

      यहाँ वाटर कुलिंग सिस्टम लगा हुआ है। यहाँ लगभग ढ़ाई लाख लीटर क्षमता वाला टैंक भी बना हुआ है,जो वर्षा जल को संचय कर सकता है। इस केंद्र से किसान अगर सब्जियों के पौधे लेना चाहते हैं तो उन्हें आसानी से पौधे मिल जाते हैं।

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