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    Friday, March 29, 2024
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      कोरोना संक्रमित नूरसराय बीडीओ की फोर्ड में मौत, थे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त, लें सबक

      चिकित्सा विशेषज्ञों की राय में यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उनकी होम या हॉस्पीटल आइसोलेशन के दौरान गंभीर बीमारियों की जाँच की जानी चाहिए। ताकि यह पता चल सके कि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होने या ऑक्सीजन लेवल गिरने के असल कारण क्या हैं। कोरोना संक्रमित रोगी के साथ हरसंभव समान्य व्यवहार होनी चाहिए, ताकि  वे मानसिक तनाव से बच सके

      नालंदा दर्पण डेस्क। कोविड-19 एक ऐसा संक्रमण है, जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर सीधा प्रहार करता है। अब तक जितने लोगों की मौत होने की पुष्टि हुए हैं, वे सुगर, बीपी, हर्ट, किडनी, सांस की समस्याओं से पीड़ित रहे हैं।

      यह दीगर बात है कि कई मामलों में पीड़ित लोगों को स्वंय अपने अंदर छुपे रोगों यानि इम्यूनिटी कमजोर रहने की जानकारी उन्हें नहीं रही है।

      नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल कुमार की मौत हो गई है। वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे। शनिवार की देर शाम पटना के फोर्ड अस्पताल में उनका निधन हो गया।

      करीब 45 वर्षीय राहुल कुमार बीते 7 अप्रैल को नूरसराय अस्पताल में एंटीजन जांच में पॉजिटिव पाये गये थे। इसके बाद वे होम आइसोलेशन में चले गए थे।

      करीब तीन चार दिन बाद उनकी तबीयत और बिगड़ती चली गई। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी 17 अप्रैल की देर शाम मौत हो गई।

      फोर्ड अस्पताल सूत्रों के अनुसार स्व. राहुल कुमार में सुगर, बीपी और हर्ट की समस्याएं भी पाए गए। उनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर थी। उनके शरीर का ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे पाया गया। कोरोना संक्रमित पाए जाने के दौरान उनकी ये समस्याएं तेजी से बढ़ती चली गई, जिसकी जाँच और उपचार समय पर नहीं हो सका।

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