बिहारशरीफ (नालन्दा दर्पण)। कार्ल मार्क्स की 202 वीं जयंती के अवसर पर वाम दलों के संयुक्त आह्वान पर भाकपा (माले) ने आज बिहारशरीफ के पार्टी कार्यालय में एक दिवसीय धरना दिया। महान दार्शनिक कार्ल मार्क्स के जीवनी का संक्षिप्त पाठ पढ़ा गया।
इस अवसर पर माले नेताओं ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, लेकिन इसके लिए उन्हें किराया चुकाना पड़ रहा है। विदेशों में फंसे अप्रवासी भारतीयों को मुफ्त में वापस लाया गया, जबकि प्रवासी कामगारों से किराया वसूला जा रहा है। यह दोहरा बर्ताव सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करता है।
माले नेताओं ने कहा कि श्रमिक एवं कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घन्टे की नोटिस पर लॉक डाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।
नेताओं ने आगे कहा कि 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पुनः पहली बार यह दिल दहला देने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक-कामगार पैदल अथवा किसी तरह घर पहुंचने के लिए मजबूर हुए हैं।
माले नेताओं ने कहा कि 151 करोड़ रुपया पीएम केयर फंड में रेलवे मंत्रालय ने दिए है। ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि जब इतने रुपये पीएम केयर्स में दे सकते हैं तो श्रमिक व कामगार के लिए मुफ्त रेल यात्रा क्यों नहीं?
ऐसे संकट में सरकार एवं रेलवे मंत्रालय द्वारा श्रमिकों एवं कामगारों से रेलवे का भाड़ा वसूलना कहीं से उचित नहीं है।
धरना को संबोधित करने वालों में वरिष्ठ माले नेता मकसूदन शर्मा, पाल बिहारी लाल, अनिल पटेल, ठेला फुटपाथ भेंडर्स यूनियन के जिला सचिव रामदेव चौधरी, आइसा के जिला संयोजक जयन्त आनंद व बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के जिला सचिव मनोज रविदास के नाम प्रमुख हैं।
धरनार्थी पीएम केयर फंड से सभी मजदूरों को सकुशल घर पँहुचाने, सभी मजदूरों को 10 हजार रुपया गुजारा भत्ता देने और काम की गारंटी करने,सभी मारे गए मज़दूर को तीन महीने का राशन देने की मांग कर रहे थे। इस मौके पर माले नेता रामप्रीत केवट , जगदीश दास , सुरेश केवट , बंगाली दास ,लौंगी शर्मा एवं इंसाफ मंच के नसीर खान भी उपस्थित थे।