नालंदा दर्पण। अमुमन आज संचार और संपर्क के मायने काफी बदल गए हैं। मोबाईल फोन और उसमें चलने वाले कई एप्प काफी महत्वपूर्ण हो चले हैं। उसी में एक एप्प है व्हाट्सएप्प। नेट संचालित इस एप्प के जरिए हर तरह की सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हो गया है।
सरकार और प्रशासनिक तौर पर भी इसके प्रचलन का एक बड़ा व्यापक स्वरुप सामने आया है। विभागीय तंत्र भी इस एप्प का जमकर इस्तेमाल करते हैं और आम जन से भी वे आपात सूचनाओं-समस्याओं की मांग करते हैं।
लेकिन नालंदा में एक नई समस्या सामने आई है। वह सीधे पुलिस-प्रशासन के शीर्ष अधिकारी से जुड़ा है। यहां के डीएम योगेन्द्र सिंह और एसपी नीलेश कुमार पर सीधा आरोप लगाया गया है कि वे अपनी सरकारी व्हाट्सएप्प नंबर का जनहित में इस्तेमाल नहीं करते हैं या फिर सीमित कर रखा है।
इस आशय की शिकायत आज राजगीर बिचली कुआं निवासी आरटीआई एक्टीविस्ट व समाजसेवी पुरषोत्तम प्रसाद ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडये, सीएम नीतीश कुमार के अलावे राज्य निर्वाचन आयोग और भारतीय निर्वाचन आयोग से की है।
श्री प्रसाद ने “नालन्दा जिला पदाधिकारी और नालंदा पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध विधि समम्त त्वरित यथोचित कार्रवाई करते कराते हुए ब्लॉक सरकारी वाट्सएप्प को पुन: बहाल कराने हेतू” विषयगत लिखा है कि……….
“जिले के ये दोनों शीर्ष अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी सम्पत्ति को नीजी समझकर स्वेच्छाचारिता के तहत बिना किसी पूर्व सूचना के आम जनता की पहूँच को बंचित कर अपने नाम व पदनाम के अधिकृत मोबाइल नम्बर-9473191214 को डीएम, नालन्दा एवं अधिकृत मोबाइल नम्बर-9431822972 को एसपी, नालन्दा ने वाट्सएप्प को हीं ब्लॉक कर रखा है, जिसकी बजह से आम जनता प्रमाण सहित अपराध-समस्या की जानकारी नहीं दे पा रहा है।
इधर श्री पुरषोत्तम प्रसाद की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीएम नीतीश कुमार के सीएमओ ने मुख्य सचिव एवं गृह सचिव, बिहार सरकार को इस मामले की अग्रेतर कार्रवाई हस्तगत कर दिया है।