बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए ई-शिक्षा पोर्टल ने शिक्षकों के लिए कई चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं। शिक्षकों की आम शिकायत है कि यह एप अक्सर सही समय पर काम नहीं करता है। कभी-कभी तो यह एप शिक्षकों को प्रेज़ेंट दिखाने के बजाय उन्हें अब्सेंट दर्शाता है। इस स्थिति में शिक्षकों को दिन भर स्कूल में अपने मामलों को सुलझाने में समय बिताना पड़ता है।
बता दें कि बिहार शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन हाजिरी के आधार पर वेतन देने का जो आदेश जारी किया है। यह शिक्षकों के लिए बेहद तनावपूर्ण बन गया है। इस एप के माध्यम से हाजिरी दर्ज कराने के लिए शिक्षकों को लंबा इंतज़ार करना पड़ता है। कई बार तो यह एप शिक्षकों को अपनी छुट्टियाँ भी ले लेने नहीं देता है। ऐसी असुविधाएँ शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं।
वेशक ई-शिक्षा पोर्टल का यह संदिग्ध कार्यप्रणाली केवल शिक्षकों को ही नहीं, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर रही है। शिक्षकों को पढ़ाने की बजाय दिनभर एप में इन-आउट करने में लगा रहना पड़ता है। यह परेशानी ना केवल उन्हें मानसिक तनाव देती है, बल्कि छात्रों की शिक्षा को भी प्रभावित करती है। इस मुद्दे पर निर्णय लेने की आवश्यकता है। ताकि शिक्षकों को इस एप के उत्पीड़न से राहत मिल सके।
Yes school in and school out karne me samay adhik lag raha hai. Jisse student ka pathan pathan badhit ho raha hai.
Rakesh Raushan
Yes attendance banane mai kabhi ground floor to kabhi second floor chakkar lagana parta hai bahut mushkil se attendance bana bhi ti kuch samay ke baad jab app kholo to fir se attendance banane ka option aa jata tab teacher purii tarah tension listed ho jata hai jis se bachche ki shiksha paibhavit hoti hai