फेसबुक लाइव: ऑनलाइन आग उगलना पड़ा महंगा, AIMIM नेता गिरफ्तार

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ नगर में सोहसराय थाना क्षेत्र अतंर्गत खासगंज निवासी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश सचिव शमीम अख्तर को पुलिस ने फेसबुक लाइव के दौरान भड़काऊ और आपत्तिजनक बयान देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। यह घटना सोशल मीडिया के दुरुपयोग और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिशों पर नकेल कसने की दिशा में पुलिस की त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शमीम अख्तर ने फेसबुक पर लगभग आठ मिनट के लाइव प्रसारण में मोहर्रम जुलूस को लेकर विवादास्पद और उत्तेजक टिप्पणियां कीं। अपने वीडियो में उन्होंने बिहारशरीफ में पिछले तीन वर्षों से मोहर्रम जुलूस न निकलने का मुद्दा उठाया और इसके लिए रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा को अत्यंत आपत्तिजनक और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली माना गया।
सदर डीएसपी नुरुल हक ने बताया कि शमीम अख्तर का लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। जिसके बाद स्थानीय लोगों और पुलिस की नजर इस पर पड़ी। वीडियो की सामग्री की जांच के बाद इसे सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाला पाया गया।
डीएसपी ने कहा कि ऐसी गतिविधियां सामाजिक एकता और शांति के लिए खतरा हैं। सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री साझा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
घटना की जानकारी मिलते ही नालंदा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। शमीम अख्तर को उनके निवास से हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि शमीम अख्तर विवादों में घिरा है। तीन वर्ष पूर्व, पटना के फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र में संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके बिहारशरीफ स्थित आवास पर छापेमारी की थी।
उस समय शमीम अख्तर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के प्रदेश अध्यक्ष था। छापेमारी के दौरान वह घर पर मौजूद नहीं था। लेकिन उनके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। जिसे बाद में छोड़ दिया गया।
पटना पुलिस द्वारा फुलवारीशरीफ थाना में दर्ज एक प्राथमिकी में भी शमीम अख्तर को नामजद आरोपी बनाया गया था। इसके अतिरिक्त उसने बिहार विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था। जिससे उनकी सार्वजनिक छवि एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में उभरी है। हालांकि उसके बार-बार विवादों में शामिल होने ने उनकी गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं।
डीएसपी नुरुल हक ने कहा कि सोशल मीडिया एक शक्तिशाली मंच है, लेकिन इसका उपयोग जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए। भड़काऊ, आपत्तिजनक या सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री साझा करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। जबकि कुछ ने सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग पर जोर दिया है। बिहारशरीफ में पहले भी सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसके चलते पुलिस और प्रशासन इस तरह की गतिविधियों पर विशेष नजर रख रहे हैं।