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    Tuesday, September 10, 2024
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      बीडीओ-सीओ-एसडीओ से लेकर डीएम तक बताएं कि ये क्या हो रहा है और आप किसकी खाते हैं…?

      नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से चौंकाने वाली ऐसी खबरें आती रहती है, जो पूरे तंत्र को आयना दिखा जाती है। कभी-कभी एक छोटी सी सूचना का आकार इतना व्यापक होता है कि उसकी उलझन मन-मस्तिष्क को शिथिल कर जाती है। आखिर यह कैसा सुसासन है?

      नगरनौसा थाना के दमादरपुर बल्धा पंचायत में एक डीलर है राधे साव। लेकिन यह केवल नाम का डीलर है, उसका सारा कारोबार की विरासत उसका बेटा विकास कुमार संभालता है।

      नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र का सबसे भ्रष्ट डीलर का यह बेटा संज्ञान में तब आया, जब वह एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क से जुड़े रिपोर्टर से उलझ गया और वद्दतमीजी की। सवाल जनवरी माह के राशन न मिलने से जुड़ा था।

      आश्चर्य की बात है कि जब उस रिपोर्टर ने डीलर की शिकायत नगरनौसा थाना में की तो वहां के थानेदार ने पूरे मामले की जाँच किए वगैर काउंटर केस करवा दिया कि रिपोर्टर ने डीलर के साथ मारपीट की। जाहिर है कि बिना चाटे पुलिस ऐसा कर ही नहीं सकती है?

      क्योंकि, नगरनौसा के थानेदार से हमारे प्रधान संपादक ने खुद बात की थी और जिन्होंने रिकोर्डेड वीडियो का हवाला दिया था। लेकिन आज के नवेले थानेदार को हर समस्या में सिर्फ कमाई ही दिखती है या फिर उन्हें दारु-बालू से फुरसत कहां मिलती है?

      ऐसे भी आज कल के थानेदारों में एक बड़ा फंडा देखने को मिल रहा है कि मामला कितना भी गंभीर हो, काउंटर केस कराओ और फिर अनुसंधान के नाम पर भयादोहन करो।

      यही नहीं, उस मामले के अनुंसधान ने स्थानीय कुछेक अन्य मीडिया संस्थानों से जुड़े लड़कों ने भी डीलर का ही साथ दिया। यहां तक जो हमारे नेटवर्क से जुड़ा रिपोर्टर था और कुछ माह पहले उसी डीलर की मनमानी के समाचार प्रसारित करवाए थे, उसने एक दूसरे साईट पर एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क का नाम लेकर यह खबर चलवाने से भी गुरेज नहीं किया कि “पत्रकारिता की आड़ में वसूली का धंधा हो रहा है।”

      उस खबर में यह लिगा गया कि राजीव रजंन नामक जिस युवक को हमने अवसर दिया है, वह दलाल-गुंडा है।

      समझ में नहीं आता कि कल तक जिस युवक का सोशल साइट तक में कसीदे गढ़ते फिरता था, स्थानीय अखबारों में खबरों से अधिक विज्ञापन छापता था, वहीं एक शालीन युवक अचानक एक ऐसा गुंडा बन गया, जिसके आतंक से गंभीर अपराधिक मामलों के आरोपी व दबंग प्रवृति का डीलर और उसका उच्चश्रृंख्ल बेटा सहम गया ?

      बहरहाल, आज उसी डीलर का बदमाश बेटा का दो वीडियो वहीं के लोगों के द्वारा भेजी गई है और यह अनुरोध किया गया है कि आखिर भ्रष्टाचार का यह नंगा खेल कब तक जारी रहेगा। वेशक इस सवाल का जबाव कोई मीडियाकर्मी नहीं दे सकता।

      लेकिन, नगरनौसा प्रखंड के विकास पदाधिकारी, अंलाधिकारी, आपूर्ति पदाधिकारी हों या हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी या फिर नालंदा जिला पदाधिकारी। उनके आंखों में इतने पानी तो जरुर होंगे कि वे असहाय गरीबों की हाय लेने से अवश्य बचेंगे।

      ऐसा इसलिए कि नगरनौसा प्रखंड की जनवितरण प्रणाली की दुकानों में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से भी छुपी नहीं है। एस महिला समाज सेवी सबकी लिखित शिकायत कर चुकी है। जांच कार्रवाई के बजाय सब उसे टाल रहे हैं। जब उसे हमारे रिपोर्टर ने सवाल बनाया तो सब बमक उठे। सत्ताधारी दल के नेता-कार्यकर्ता से लेकर अफसर तक।

      पुलिस थाना का क्या है। अब इसका मतलब अपराध नियंत्रण से थोड़े रह गया है। यदि आम जन अजीज होकर किसी चोर डीलर को लतियाएगा भी तो उससे भी इनके करींदो की कमाई ही बढ़ेगी। वह कैसे होगी,यह सब जानते हैं। ऐसे भी, यहाँ का एक थानेदार पुलिस लॉकअप में हत्या के आरोप में जेल गया है और यहाँ से प्रायः सस्पेंड ही होकर विदा होते रहे हैं।

      बहरहाल, देखिए प्राप्त वह दो वीडियो, डीलर का बेटा गाँव में जाकर खेल कर रहा है। राशन पॉश मशीन पर बिना राशन बाँटे ग्रामीणों का ठप्पा ले रहा है। लोग हंगामा कर रहे हैं। इस हंगामे में सब कुछ स्पष्ट है। यदि सुशासन के किसी नुमाइंदे को इतना सब देख कर भी समझ में कुछ भी नहीं आता है तो फिर देखेंगे कि आगे क्या लिखना है…….

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