हालांकि इस रोड़ेबाजी में किसी भी पुलिस-मेडिकल कर्मी को चोटें नहीं आई। पुलिस की मानें तो इस रोड़ेबाजी के बाद जांच दल को वहां से पीछे हटना पड़ा..
बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। खबर है कि शुक्रवार की मध्य रात मेडिकल टीम स्थानीय पुलिस के साथ बिहारशरीफ शहर के सकुनत मोहल्ले में कोविड-19 संदिग्धों की जांच करने पहुंची थी।
यह वही इलाका है, जहां से कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। जैसे ही मेडिकल टीम और पुलिस वहां पहुंची कि स्थानीय लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उग्र लोगों द्वारा पुलिस पर जमकर रोड़ेबाजी की गई।
बताया जाता है कि मेडिकल टीम सूची में दर्ज नाम के हिसाब से उनकी जांच के लिए एंबुलेंस के साथ ठीक आधी रात को गई थी। आधी रात के कारण लोगों ने विरोध किया। और जब टीम नहीं मानी तो उन्होंने पुलिस टीम पर रोड़े बाजी करने लगे। नतीजतन जांच दल को भागना पड़ा।
हॉटस्पॉट बन चुका यह इलाका काफी संदिग्ध माना जा रहा है। पुलिस करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज कर इस पूरे मामले की जांच करने में जुटी है।
हालांकि, बिहारशरीफ के इकलौते सकुनत मोहल्ले में 27 कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। जिनमें एक सरकारी डॉक्टर, दर्जी, चाय वाला व ताड़ी विक्रेता भी शामिल है। जाहिर है, इन लोगों का सामाजिक सरोकार काफी ज्यादा होता है। शुक्रवार को ही दर्जी की मां व बहन पॉजिटिव पाई गई।
ताड़ी विक्रेता के यहां नियमित जाने वाले 16 लोगों के सैम्पल लिए गए। अभी पचास से साठ और लोग संदिग्ध की श्रेणी में रखे गए हैं। इन्हीं लोगों के सैम्पल लेने और उन्हें क्वारनटाइन करने के लिए पुलिस व मेडिकल टीम रात में पहुंची थी। परंतु पथराव के कारण किसी का भी सैम्पल नहीं लिया जा सका।
कहा जाता है कि कोरोना पॉजिटिव के सम्पर्क में आए लोगों की दिन में भी तलाश की गई थी, परंतु कोई भी अपने घर में नहीं पाया गया था। मजबूरन मेडिकल टीम के साथ पुलिस रात दो बजे मोहल्ले में पहुंची, ताकि सभी संदिग्ध घर में मिल सकें और उनका सैम्पल लिया जा सके।
रोड़ेबाजी करने वालों का आरोप था कि मेडिकल टीम पक्षपात कर रही है। सिर्फ एक पक्ष के लोगों का ही सैंपल क्यों लिया जा रहा है, वो भी रात में। दूसरी बात क्वारनटाइन सेंटर की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। न समय पर खाना मिलता है और न सफाई होती है।