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ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर त्वरित प्रविष्टि और डाटा सुधार का निर्देश

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के सभी विद्यालयों को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया गया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर लाभुक आधारित योजनाओं के तहत छात्र-छात्राओं के डाटा प्रविष्टि कार्य को शीघ्र पूरा करने और वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों में सुधार करने का आदेश दिया गया है। इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करना अनिवार्य है। ताकि योग्य छात्र-छात्राओं को योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से मिल सके।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा) मो. शहनवाज ने बताया कि इस प्रक्रिया में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले विद्यार्थियों का डाटा दर्ज करना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करेगा कि इसी माह सभी पात्र छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में योजनाओं की राशि अंतरित की जा सके।

उन्होंने जोर देकर कहा कि नालंदा जिला इस कार्य में वर्तमान में पूरे बिहार राज्य में 35वें स्थान पर है, जो संतोषजनक नहीं है। इस स्थिति को सुधारने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।

निर्देश के अनुसार इस कार्य को प्राथमिकता देने के लिए अवकाश के दिनों में भी विद्यालयों को खोलने का आदेश दिया गया है। प्रधानाध्यापकों और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि डाटा प्रविष्टि और सुधार कार्य समय पर पूरा हो। यह कदम न केवल जिले की रैंकिंग सुधारने में मदद करेगा, बल्कि छात्र-छात्राओं को समय पर योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित करेगा।

बता दें कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य शिक्षा से संबंधित योजनाओं को डिजिटल माध्यम से पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस पोर्टल के माध्यम से छात्रवृत्ति, पोशाक योजना, साइकिल योजना जैसी विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे छात्रों के खातों में पहुंचाया जाता है।

लेकिन डाटा प्रविष्टि में देरी या त्रुटि के कारण कई बार पात्र छात्र लाभ से वंचित रह जाते हैं। इसलिए इस निर्देश का पालन करते हुए सभी विद्यालयों को तत्परता से कार्य करने की अपील की गई है।

मो. शहनवाज ने सभी विद्यालयों से अपील की है कि वे इस कार्य को गंभीरता से लें और निर्धारित समय-सीमा के भीतर डाटा प्रविष्टि और सुधार कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य नालंदा जिले को इस कार्य में राज्य में शीर्ष स्थानों पर लाना है। इसके लिए सभी शिक्षकों और प्रभारी अधिकारियों का सहयोग आवश्यक है।

इस निर्देश के बाद जिले के विद्यालयों में डाटा प्रविष्टि और सुधार कार्य में तेजी देखी जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही नालंदा जिला इस मामले में बेहतर प्रदर्शन करेगा और अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

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