बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी एवं अपर जिला व सत्र न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा ने बिहारशरीफ नगर के कमरुद्दीन गंज मोहल्ला अवस्थित समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित बाल गृह में हर साल की भांति अपना 37वाँ जन्म दिन अनाथ बच्चों के साथ बड़े हर्षोल्लास के बीच मनाई।
इस दौरान अनाथालय के मासूम बच्चे भी इस कदर खुश नजर आए, मानों उनका ही संयुक्त बर्थ डे पार्टी हो और उन्हें पिछले कई साल की इस दिन का उन्हें बेसब्री से इंतजार हो।
इस मौके पर जज मानवेंद्र मिश्रा ने कहा कि जन्मदिन तो महज एक संयोग है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2007 से 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया है और संयोगवश इसी दिन हमारा जन्मदिन भी पड़ता है।
उन्होंने कहा कि वे अपना जन्मदिन इन अनाथ बच्चों के साथ मनाते हैं, ताकि माता-पिता के प्रेम से बंचित ऐसे मासूम खुद में अकेलापन महसूस न करें। साथ हीं अपने जन्म दिन के मौके पर समाज को हर साल यह संदेश देने का प्रयास करते हैं कि यदि सब इसी तरह से बेसहारा बच्चों के साथ अपनी खुशियां बाँटें तो निश्चत तौर पर इनमें एक बड़ा मानसिक और सामाजिक बदलाव आएगा, उनमें किसी तरह के हीन भावाना विकार उत्पन्न नहीं होंगे।
इस मौके पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक शैलेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बाल गृह में रक्षित वैसे बच्चे, जो अपने जन्म के बारे में नहीं समझ पाते हैं कि उनका जन्म कब हुआ था और उसे लेकर वे अवसाद की भावना से ग्रसित न हो, इसके लिए समाज की जिम्मेवारी बनती है कि वे इन बच्चों के सर्वांगिन शारीरिक और मानसिक विकास में अपना योगदान दें।
उन्होंने कहा कि जिस आत्मीयता से माननीय जज मानवेन्द्र मिश्रा जी समय-समय पर, खासकर अपने नीजि खुशियों के दिन भी ऐसे बच्चों के नाम करते हैं, वह हम सब के लिए अनुकरणीय है।
जिला बाल संरक्षण इकाई के अधीक्षक ब्रजेश मिश्र ने कहा कि जबसे किशोर न्याय परिषद के न्यायधीश मानवेंद्र मिश्र नालंदा में आए हैं, तब से अपने जन्म दिन की इन्हीं अनाथ बच्चों के संग मनाई है। यह आज के अलगाववादी समाज के लिए एक बड़ा प्रेम सदेश है। समाज के हर तबके को चाहिए कि वे ऐसे बच्चों को अपने खास कार्यक्रमों का हिस्सा बनाएं। अपने खुशियों में शरीक करें।
किशोर न्याय परिषद के सदस्य धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बच्चों में एक नया उत्साह बनाए रखने के लिए इस तरह के कार्यक्रम हमेशा होते रहने चाहिए, ताकि वे भी बड़े होकर समाज के विकास में अपना योगदान दे सकें। अन्यथा इनमें वे मानवीय विकार उत्पन्न होंगे, जिसके परिणाम काफी गंभीर होते हैं।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक शैलेंद्र कुमार चौधरी, जिला बाल संरक्षण इकाई के अधीक्षक ब्रजेश मिश्र, किशोर न्याय परिषद के सदस्य धर्मेंद्र कुमार, विधि पर्यवेक्षा अधिकारी साइनी सुमन, सुशील कुमार, उत्तम कुमार, हेमंत कुमार, पंकज कुमार आदि लोग मौजूद थे।