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    Thursday, April 18, 2024
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      जेजेबी प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने पुलिस अफसरों को दी यूं कड़ी हिदायत- ‘ऐसा न हो, सुनिश्चित करें’

      नालंदा दर्पण डेस्क। जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने बाल-किशोरों के चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत करने में पुलिस द्वारा मनमानी एवं अवैधानिक कार्य किए जाने की मिल रही शिकायतों को लेकर नालंदा पुलिस के जिम्मेवार अफसरों को कड़ी हिदायत दी है।

      प्रधान दंडाधिकारी मिश्रा ने अपने कार्यालीय आदेश में जिले के अपर पुलिस अधीक्षक सह जिला नोडल बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे किशोर न्याय परिषद के इस आदेश से जिले के सभी थाना / ओपी, पुलिस अधीश्रक कार्यालय, पुलिस उपाधीक्षक, अंचल पुलिस निरीक्षक एवं अन्य अन्य पुलिस कार्यालय को उनके द्वारा अवगत कराया जाए, जिससे किसी भी स्तर पर बाल किशोर न्याय अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधान के क्रियान्वयन में कोई संशय उत्पन्न न हो ।

      प्रधान दंडाधिकारी मिश्रा ने अपने आदेश में लिखा है कि नालंदा जिला में किशोर न्याय परिषद के संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जब किशोर द्वारा सेना बहाली या पुलिस दौड़ या उच्च शिक्षा में नामांकणअथवा अन्य किसी प्रायोजन हेतु चरित्र प्रमाण पत्र आवेदन समर्पित किया जाता है तो विधि विरुद्ध संबंधित थाने द्वारा अथवा पुलिस अधाक्षक कार्यालय द्वारा उसमें किशोरावस्था में किए गए मामले का उल्लेख कर दिया जाता है।

      उन्होंने अपने कार्यालीय आदेश में नालंदा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ज्ञापांक-2945 द्वारा आचरण प्रमाण पत्र का उदाहरण भी दिया है।

      प्रधान दंडाधिकारी ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि बाल-किशोर से जुड़े मामले की जांच या अन्वेषण के क्रम में किसी भी समाचार पत्र-पत्रिका या श्रव्य-दृष्य माध्यम या संसूचना के अन्य प्रारुपों में नाम, पता, फोटो जो पहचान प्रेषित कर सके, उसे प्रकट नहीं करेगा। अन्यथा इस उपबंध का उल्लघंन करने पर व्यक्ति को 6 माह तक का कारावास या 2 लाख रुपए जुर्माना या दोनों दण्डणीय ठहराया जा सकता है।

      विदित हो कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा- 74 (2) पुलिस को ऐसा करने से मना करती है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 की धारा 74 (2) के अंतर्गत किशोर के संबंध में पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र के प्रयोजनार्थ अथवा अलग से उक्त मामले में विधि विरुद्ध किशोर का कोई अभिलेख उजागर नहीं करेगी। जिस मामले को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा बंद कर दिया गया है या निस्तारण कर दिया गया है।

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