चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी प्रखंड में लॉकडाउन एक मखौल बना हुआ है। न शारीरिक दूरी का पालन हो रहा है न अधिकारियों के निर्देश का। अफसर एसी में, पुलिस दारू पकड़ने में मस्त और जिम्मेदारी संभाल रखें अफसर सड़क पर दिखते नहीं। मानों संगरोधक का पालन कर रहे हो।
चंडी में समोसे-चाट और मिठाई की दुकान खुली है,कपड़ों की दुकान खुली है,मनिहारी की दुकान खुली है, मोबाइल की दुकान खुली है। फर्नीचर की दुकान खुली है। टीन बक्से की दुकान खुली है।
जनाब यह चंडी है। यगां लॉकडाउन का पालन नहीं होता है। यहां लॉकडाउन खुलता है, बस खोलने वाला चाहिए। चंडी में धनियो की दुकान खुली है। गरीब अपनी दुकान खुलाने के लिए हाथ में दरखास्त लिये बीडीओ कार्यालय में जूते घीसवा रहा है।
सब्जी मंडी और बैंकों में सामाजिक दूरी के लिए बीडीओ बड़े मजे से पास जारी करते हैं, लेकिन मुसीबत के मारे दूसरे लोगों को पास देने में असमर्थ है। डीएम देंगे।
बीडीओ विभिन्न सोशल माध्यमों में दिशा निर्देश जारी करते हैं। सामाजिक दूरी का पालन करें। मास्क लगाकर ही निकले। सरकार द्वारा निर्धारित दुकानें ही खुलेगी।
लोगों का सवाल है कि सरकार के द्वारा निर्धारित कौन-कौन सी दुकानें चंडी में खुली और बंद रहेंगी। इसका जबाब कौन देगा। वैसे भी सरकार अभी विचार कर रही हैं। कौन सी दुकानें कब खुलेगी और कौन बंद रहेगी।
तस्वीरों को गौर से देखिए सोशल डिंसटेंसिग और मास्क के प्रयोग का पालन न दुकानदार कर रहें और न ग्राहक।
वैसे भी लॉकडाउन के एक महीने हो चुके हैं, लेकिन आज तक इसका सही से पालन नहीं हुआ है। गरीब दुकानदारों ने जहाँ लॉकडाउन का सम्मान किया तो अमीरों ने धराशायी।
फिलहाल चंडी बाजार में लॉकडाउन का तमाशा बना हुआ है और लोग उसका मखौल उड़ा रहें हैं। इससे किसी के सेहत पर फर्क नहीं पड़ता। आखिर प्रशासन क्वांइटाइन में जो है।