चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी प्रखंड मुख्यालय के लोक निर्माण विभाग के तले अंधेरा देखने को मिल रहा है। जिस विभाग पर सड़क निर्माण की जिम्मेदारी है, उसी की गोद आंगन का रस्ता सड़क तो छोड़ दीजिए, एक अदद गली के लिए तरस रही है।
पंचायती राज व्यवस्था खत्म भी हो गई। सीएम की सात निश्चय योजना से पता नहीं कितने लाख गली बनी होगी। लेकिन लोक निर्माण विभाग के तले का यह मार्ग कीचड़ से सना हुआ है। जहां से पैदल चलना भी मुश्किल है।
चंडी प्रखंड मुख्यालय से सटे लालगंज इलाके की एक गली जो कुछ दिन पहले तक भगवानपुर पंचायत के वार्ड संख्या तीन का हिस्सा हुआ करता था। अब वह नगर पंचायत के अधीन हो गया है।
तो हुजूर देख लीजिए, अपने नगर पंचायत की इस गली को जिसने बारिश की हल्की खुराक ने आपकी पोल खोल दी है। जहां पैदल चलना भी मुश्किल है। एक अच्छी खासी की आबादी अपने हाथ में चप्पल लेकर आने जाने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों ने नालंदा दर्पण को वाटसअप पर तस्वीर और वीडियो भेज कर मुहल्ले की गली का हाल बयां किया है।
लोगों का कहना है कि पिछले साल में मुखिया की नजर पड़ी और न विधायक की। जबकि इस मुहल्ले में कुछ लोग विधायक के चहेते भी है। सड़क तो दूर एक पक्की गली भी नहीं बनबा सके। जब चुनाव आता है तो लोग वोट के ठेकेदार बन जाते हैं।
लोगों का कहना है कि अभी तो बारिश की फुहारें ही हुई है तो यह हाल जब झमाझम बरसात होगी तब इस मुहल्ले का क्या हाल होगा। कीचड़ नुमा रास्ते से गुजरते लोग पैर फिसलने से गिर भी रहे हैं।
साइकिल वाले साइकिल को अपने कंधे पर लादकर पार हो रहे हैं तो बाइक वाले अपनी बाइक कहीं और पार्क कर रहे हैं।
भले ही कहने को सात निश्चय योजना के विकास का ढिंढोरा पीटा जाए, लेकिन लालगंज के इस मुहल्ले को देखकर नहीं लगता है कि सात निश्चय योजना ने गांव की बदहाली दूर की होगी।