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    Thursday, April 25, 2024
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      ब्रह्मकुमारी पाठशाला समेत गांवो में धूमधाम से मनाई गई महाशिवरात्रि

      नगरनौसा (नालंदा दर्पण। प्रखण्ड क्षेत्र के कछियावां पंचायत के सकरोढा गाँव में अवस्थित प्रजापिता व्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अधीनस्थ वीके पाठशाला मे महाशिवरात्री पावन पर्व बङे धूमधाम से मनाया गया।

      Mahashivratri celebrated with pomp in villages including Brahmakumari Pathshala 2यहाँ नालन्दा जिले के भिन्न-भिन्न गाँवो से चलकर आये हजारों लोगो ने अपना अहम योगदान दिया। हजारों लोगो की जुलूस यात्रा निकालकर आसपास के अनेकों गाँवो से होकर पुन: सकरोढा वीके पाठशाला मे आकर फतुहा क्षेत्र से आये प्रभारी वीके अंजु व वीके वन्दना ने लोगो के साथ शिवध्वज को फहराकर महाशिवरात्री का महापर्व मनाया।

      मौके पर लोगो के समक्ष वीके वन्दना अंजु ने केक भी काटा और लोगो मे यह संदेश दिया कि आज मनुष्य आत्माओं के अंतर्गत अज्ञानता रूपी अंधकार समाया हुया है, जिसे  परमात्मा ज्ञान रूपी प्रकाश से अज्ञानता को मिटाकर सुख, शांति, आनंद, प्रेम की अनुभूति कर अपने जीवन को परिवर्तन कर सकते है।

      कार्यक्रम के बाद बाहर से आये लोगों के लिये समाजसेवी अरविंद प्रसाद के द्वारा भोजन का व्यवस्था कराया गया था।  भोजन कराने के बाद अरबिद प्रसाद ने सभी को अंगवस्त्र देकर विदा किया।

      रामधुन अखण्ड-कीर्तन से भक्तिमय हुया मोहउद्दीनपुर गाँव

      नगरनौसा प्रखण्ड क्षेत्र के रामपुर पंचायत का मोहिउद्दीनपुर मे अवस्थित भगवती मंदिर के प्रांगण मे हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्री के दूसरे दिन 24 घण्टे यानि एक दिवसीय आयोजित रामधुन अखण्ड-कीर्तन का विधिवत शुभारंभ आज पूर्वाह्न 10:00 बजे हुई जो कल यानि शनिवार  पूर्वाह्न 10:00 बजे समाप्त होगी।

      Mahashivratri celebrated with pomp in villages including Brahmakumari Pathshala 2 1सबसे बङी बात यहाँ यह देखने को मिली कि इसका आयोजनकर्ता समस्त ग्रामीण दिखे, जिससे समाज मे एकजुटता  का एक नई संदेशा मिल रहा है।

      ग्रामीणो ने बताया कि यह सार्वजनिक कार्यक्रम हमलोग सर्वसम्मति से हर वर्ष करते है ताकि हमलोगो के बीच एकजुटता का परिचय लोगो को मिलता रहे।

      इस भक्तिमय कार्यक्रम मे बच्चे, बुजुर्ग और जवान सब बढ चढकर हिस्सा लेते दिखे। सभी लोग स्वेच्छापूर्वक अपना सहयोग देते दिखे। एक ओर बच्चे मे अपार खुशी का महौल बना हुया था तो दूसरी ओर सभी वे बुजुर्ग एक सुर से भक्तिमय विभोर हो रहे थे।

      ग्रामीणों का मानना है कि वे लोग आपस में यूं ही शांति, सद्भावना, प्रेम और एकता कायम रखने के लिये हर वर्ष इस तरह का भक्तिमय कार्यक्रम आयोजित करते है।

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