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    Saturday, April 20, 2024
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      इंनौस के युवा कन्वेंशन में मोदी-नीतीश सरकार की यूँ उधेड़ी बखिया

      19 लाख रोजगार-मांग रहा बिहार, दो समान वेतन, खाली पदों पर करो स्थाई बहाली...

      इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। स्थानीय सुभाष हाई स्कूल में इंक़लाबी नौजवान सभा  रोजगार के सवाल पर युवा कन्वेंशन किया गया। कन्वेंशन के पहले के.वी चौक से युवाओं ने मार्च निकाला, जो शहर के मुख्य मार्ग से होता हुआ कंवेंशन स्थल पहुंचा।’

      युवा कंवेंशन’ में सबसे पहले पहले पिछले 40 दिनों से नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 40 से अधिक शहीद हुए किसानों को एक मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि देते हुए उनके आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट की गयी।

      इस अवसर पर इंक़लाबी नौजवान सभा के राज्य सचिव का. सुधीर कुमार ने कहा कि सरकार इस देश में फिर से कंपनी राज स्थापित करना चाहती है। देश भर के किसान कृषि कानून 2020 के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर आंदोलनरत है, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगो को पूरा करने के बजाए उनपर लाठियां,वाटर कैनन से हमला किया गया। किसानों के इस आंदोलन में लगभग 40 किसान शहीद हो गए।

      इस कड़ाके की ठंड और बारिश में भी किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और सरकार अपनी तानाशाही रवैया अपना रही है। काले कृषि कानून 2020 के तहत सरकार देश के किसान-मजदूरों को अंबानी-अडानी को सौंप देना चाहती है और जब किसान इसका विरोध कर रहे तो उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर उन्हें नक्सली व देशद्रोही बताया जा रहा है। भाजपा सरकार लोकतंत्र पर हमला कर संविधान को ही खत्म कर देना चाहती है।

      उन्होंने कहा कि आज पूरे देश बेरोजगारी दर 9.1% पंहुँच गयी है और बिहार में 14 प्रतिशत के ऊपर अभूतपूर्व बेरोजगारी दर है। बिहार में इतनी ऊँची बेरोजगारी दर कभी नहीं रही। दुनिया के सबसे क्रूर और बिना सोचे-विचारे, बिना योजना के लागू किये गए लॉकडाउन के फलस्वरूप एक समय तो यह बेरोजगारी दर 26% के अकल्पनीय स्तर पर पंहुँच गयी थी, 14 करोड़ लोग सड़क पर आ गए थे।

      आगे कहा कि आज समय आ गया है, जब 19 लाख रोजगार,मांग रहा युवा बिहार का नारा पूरे बिहार में  सड़क से विधानसभा तक गूँजना चाहिए और रोजगार के अधिकार को संविधान के मौलिक अधिकार के बतौर स्वीकृति दिलाने के लिए बड़ा जनांदोलन खड़ा होना चाहिए ताकि सबको काम मिले।और जब तक काम नहीं मिलता,  दुनिया के दूसरे देशों की तरह यहां के बेरोजगारों को भी निर्वाह भत्ता मिलना चाहिये।

      इस अवसर पर का. मनमोहन ने कहा कि 24% विकास दर के रसातल में पहुंची अर्थव्यवस्था अपने साथ अभूतपूर्व बेरोजगारी की महात्रासदी बिहार मे ले आयी है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि हालात अभी और बुरे होंगे। हमारे संविधान के  नीति निर्देशक सिद्धान्तों में रोजगार के अधिकार की बात की गई है पर उसे मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं मिल सका।

      1989 में जनता दल सरकार के समय राष्ट्रपति के अभिभाषण में एलान हुआ कि सरकार रोजगार के मौलिक अधिकार के लिए बिल ले आएगी। लेकिन वह वायदा आज भी अधूरा है। संविधान में प्रदत्त जीवन के अधिकार की आधारशिला है रोजगार का अधिकार। अब समय आ गया है कि यह राष्ट्रीय क्षितिज पर सर्वप्रमुख राजनैतिक मुद्दा बने और बिहार के अंदर एनडीए सरकार द्वारा 19 लाख रोजगार देने के वादे को पूरा करने हेतु सरकार को आंदोलन के जरिये विवश कर दे।

      इस अवसर पर मुख्य अतिथि वक्ता माले के जिला सचिव का सुरेंद्र राम ने कहा कि सरकार की ओर से यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि बेरोजगारी का संकट महामारी की वजह से है और यह तो मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार की नीतियों के कारण और भी ज्यादा विकराल हो चुका है।

      बेरोजगारी की विराट आपदा का हल निकालने में नाकाम नीतीश सरकार और मोदी सरकार की नीतियों की वजह से सड़कों पर उतरे लाखो किसान की मांगों को पूरा करने की बजाय अपनी सच्चाई को छिपाने और तरह तरह के हथकंडों से युवाओं का और पूरे देश का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

      इस अवसर पर इंक़लाबी नौजवान सभा के जिला सचिव का शत्रुधन कुमार और जिला अध्यक्ष का वीरेश कुमार ने रोज़गार के सवाल पर युवाओं के विधानसभा घेराव की तैयारी को लेकर गांव और पंचायत स्तर पर सम्मेलन करते हुए 17 फरवरी को जिला सम्मेलन भी करंगे।

      कन्वेंशन को इसके अलावा रामदास अकेला, इनौस के जिला उपाध्यक्ष का शैलेश यादव, दिवाकर, ब्रजेश कुमार, लड्डू कुमार कृष्ण कुमारी, रंजीत कुमार, संजय पासवान, प्रिय रानी, शोभा, पूनम कुमारी आदि ने भी संबोधित किया।

      कॉन्वेंशन की अध्यक्षता इनौस के जिलाध्यक्ष का वीरेश कुमार ने की औऱ मंच संचालन जिला सचिव शत्रुधन कुमार ने किया।

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