स्कूल से चावल, तेल, दाल,आलू और मसाले तक की चोरी, दीवार पर मिले बिखरे खून

कतरीसराय (नालंदा दर्पण)। कतरीसराय थाना क्षेत्र में स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय तरौनी में अज्ञात चोरों ने रात के अंधेरे में धावा बोल दिया। स्कूल के स्टोर रूम का कुंडी तोड़कर चोरों ने मिड-डे मील के लिए रखे गए सात बोरा चावल, पांच लीटर सरसों का तेल, दाल, आलू और मसाले की पूरी खेप साफ कर दी। इतना ही नहीं चोरों ने स्कूल के महत्वपूर्ण अभिलेखों को इधर-उधर फेंककर पूरी जगह को अस्त-व्यस्त कर दिया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह कि स्टोर की दीवार पर खून के छींटे मिले, जो संभवतः ताला तोड़ते समय चोर के हाथ में लगी चोट से बहा खून था। इस सनसनीखेज चोरी की लिखित शिकायत स्कूल की प्रधानाध्यापिका दीपशिखा कुमारी ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने का दावा किया है।

घटना की शुरुआत सुबह-सुबह हुई, जब कुछ बच्चे और ग्रामीण स्कूल पहुंचे। स्कूल का मुख्य द्वार खुला देखकर उन्हें कुछ गड़बड़ लगा। फौरन उन्होंने प्रधानाध्यापिका दीपशिखा कुमारी को फोन पर सूचना दी। दीपशिखा कुमारी तुरंत स्कूल पहुंचीं और जो नजारा देखा, उससे उनके होश उड़ गए।

स्टोर रूम का ताला टूटा हुआ था, अंदर का सामान बिखरा पड़ा था और दीवार पर ताजा खून के धब्बे चमक रहे थे। दीपशिखा कुमारी ने अपनी शिकायत में भावुक होकर लिखा। उन्होंने बताया कि चोरी गए सामान की अनुमानित कीमत हजारों रुपये में है, जो सरकारी योजना के तहत स्कूल को मिला था।

प्रधानाध्यापिका ने तत्काल इसकी सूचना ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) को दी और कतरीसराय थाने में लिखित आवेदन सौंपा। आवेदन में उन्होंने विस्तार से घटना का जिक्र किया कि  कैसे चोर रात में घुसे, कुंडी तोड़ी और चुनिंदा सामान लेकर फरार हो गए। अभिलेखों को फेंकने से लगता है कि चोरों का मकसद सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि स्कूल की व्यवस्था को चौपट करना भी था। दीवार पर लगा खून इस बात का सबूत है कि चोर जल्दबाजी में थे और ताला तोड़ते समय घायल हो गए। शायद यही वजह है कि वे पूरा स्टोर नहीं लूट पाए।

वहीं कतरीसराय थानाध्यक्ष ने मामले की पुष्टि की और कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला पूरी तरह सत्य प्रतीत होता है। हमने मौका-ए-वारदात का मुआयना किया है। ताला टूटा हुआ मिला, खून के निशान ताजा हैं और सामान गायब है। यह किसी चार चोरों का काम नहीं लगता। कोई स्थानीय असामाजिक तत्व ही इस तरह की हरकत कर सकते हैं, ताकि स्कूल के शिक्षक और बच्चे प्रभावित हों।

थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि पुलिस की टीम मामले की तह तक जाएगी। फिंगरप्रिंट्स, सीसीटीवी और गवाहों के बयान के आधार पर जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।

बहरहाल यह घटना न केवल स्कूल की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में मिड-डे मील योजना की कमजोरियों को भी उजागर करती है। नवसृजित स्कूल होने के कारण तरौनी प्राथमिक विद्यालय में अभी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि रात में स्कूल सुनसान रहता है, जिसका फायदा चोर उठा रहे हैं।

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