बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। यहाँ वाकई सीएम नीतीश कुमार की कथित कानून का राज दिखता है। नालंदा सीएम का गृह जिला है, इसीलिए सब कुछ साफ दिखता है।
सरकार भले ही बाल शोषण रोकने और उन्हें संरक्षण प्रदान की दिशा में प्रयासरत हो, लेकिन जब कानून का पालन कराने वाले ही धज्जियाँ उड़ाने लगें तो फिर क्या कहने?
जिला मुख्यालय बिहार शरीफ अवस्थित बिहार थाना को ही लीजिए। यहाँ पुलिस कर्मी-अफसर छोटे-छोटे बच्चों से चाय मँगवा कर कभी भी चुस्की लेते देखे जा सकते हैं। जबकि उन्हें थाना के सामने उन दुकानदारों की खबर लेनी चाहिए, जो मासूम की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
बिहार थाना की गेट के सामने एक चाय दुकान है, जहाँ से नाबालिग और छोटे बच्चे के द्वारा थाना में रोजाना चाय पिलाने का काम किया जाता है। यहाँ थानेदार के सामने ही अधिनस्थ कर्मी-अफसर चाय की तलब करते हैं और मासूम बच्चे हाथों में चाय की केतली लेकर आते है और बारी बारी से सभी को चाय पिलाते है।
लेकिन चाय की चुस्की में आनंदित पुलिस अफसरों को यह सब नहीं दिखता है कि वे किस तरह बाल संरक्षण कानूनों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। जबकि यहीं पुलिस अन्यत्र दुकानदार को छोटे बच्चे से काम नहीं लेने और कार्रवाई की धौंस जमाते हैं।
हद तो तब हो गई, जब बीते कल बिहार थाना में एक महिला एसआई शकुन्तला कुमारी वाहन चेकिंग कर रही थी और ठीक बगल में एक नाबालिग लड़की (जो रोज थाना कर्मीयों और आने वाले बाबूओं के लिए चाय पहुंचाने का काम करती है) खड़ी थी और वहाँ पर बहुत सारे बाईक चालक अपने पेपर की जाँच करवा रहे थे।
इस दौरान वह नाबालिग लड़की लोगों से अपने हाथों में वाहन के कागजात लेती दिखी। वह उस महिला एसआई के कहने पर बाईक की चाभी भी जमा लेती दिखी। इसी बीच महिला एसआई बात-बात में यह कहती सुनी गई कि यहां सिर्फ थानेदार दीपक कुमार का राज चलता है। यहां उनसे इतर कुछ भी नहीं सुनी जाती है।
यह बच्ची हर समय थाने में बैठी रहती है। कुछके लोग बिहार थाना की पुलिस पर इस बच्ची के सहारे भी वसूली करने के आरोप लगाते हैं।