सीएम नीतीश कुमार के शासन में तो हर कोई को पता है कि अफसरशाही का मन बड़ा है। लेकिन कभी नहीं सुना एक जीविका कर्मी का पद का घमंड बढ़ा हो कि…
चंडी (नालंदा दर्पण)। कहते हैं व्यक्ति जब पद पर होता है तो मद में होता है। लेकिन ऐसा मद तो नालंदा डीएम को भी डीएम होने का नहीं होगा। न चंडी बीडीओ को बीडीओ होने का गुमान होगा। जितना एक मामूली जीविका कर्मी को अपने पद का मद है।
मद भी ऐसा कि उन्हें पहचान नहीं कि सामने वाला कोई आम आदमी नहीं है वो जनता का एक प्रतिनिधि जिला परिषद सदस्य भी है। लेकिन जीविका की कर्मी को पता नहीं सता का घमंड हैं या फिर अपने अफसर होने की।
चलिए मान लिए पद का मद भी होगा, लेकिन वो भी अपशब्द की भाषा वो भी महिला के द्वारा जो आज तक अद्भूत और अकल्पनीय ही कहा जा सकता है। जिसका वर्णन और लेखन यहाँ नही किया जा सकता है।
चंडी पूर्वी जिला परिषद सदस्य निरंजन मालाकार को चार साल में ऐसे कड़वे अनुभव से नहीं गुजरना पड़ा होगा, जितना आज अनुभव हो रहा होगा। उन्होंने एक ऑडियो क्लीप भी उपलब्ध कराई है, जो जीविका दीदी की विक्षिप्त भाषा सुनकर ही रोंगटें खड़े हो जाते हैं।
जिप सदस्य निरंजन मालाकार से उनके क्षेत्र की जनता शिकायत लेकर पहुंची थी कि राशन कार्ड का आवेदन नहीं लिया जा रहा है। जीविका कर्मी के द्वारा बताया जा रहा है कि आवेदन का डेट खत्म हो चुका है।
लोगों की शिकायत पर उन्होंने जीविका दीदी निधी कुमारी को फोन किया तो उन्होंने कहा कि डेट खत्म हो गया है तो कैसे फार्म ले लें। जब सदस्य ने कहा कि अभी तो तारीख बचती है। इस बात पर जीविका दीदी की भाषा ऐसी हो गई कि यहाँ लिखना बाजिब नहीं लगता।
उन्होंने इस संबंध में बीडीओ से मुलाकात कर इस बाबत जानकारी चाही तो बीडीओ ने बताया कि राशन कार्ड से संबंधित आवेदन की तिथि पहले से ही 30 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। जिप सदस्य ने जीविका कर्मी की शिकायत प्रखंड परियोजना प्रबंधक तथा डीएम से की है।
इधर चंडी डीह के भी कुछ लोगों ने शिकायत की है कि राशन कार्ड के लिए आवेदन उन्हीं का लिया जा रहा है जो जीविका से जुड़े हुए हैं।