“सरकार कहती है सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें। लेकिन जब समाज का अंतिम व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ गांव वालों तक बिना किसी सरकारी या आर्थिक मदद से पहुंचा दें तो यह सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है….
नालंदा दर्पण डेस्क। सीएम नीतीश कुमार की अबतक की सबसे महत्वाकांक्षी योजना नल -जल योजना में किस प्रकार का भेदभाव किया जा रहा है, इसकी बानगी देखनी हो तो चंडी प्रखंड के तुलसीगढ़ पंचायत के वार्ड संख्या 8 में देखा जा सकता है।
सीएम नीतीश कुमार की इस योजना का लक्ष्य है हर घर नल -जल पहुंचाने की लेकिन अभी तक इस योजना का लाभ वार्ड तक नहीं पहुंच रहा है। वित्तीय वर्ष भी खत्म हो रहा है। ऊपर से त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव का शंखनाद होने वाला है।
लेकिन भला हो तुलसीगढ़ पंचायत के वार्ड संख्या 8 की महादलित वार्ड सदस्या रेणू देवी की, जिन्होंने एक नजीर पेश की है। जब जनता के वोटों से चुने हुए मुखिया जनता के प्रति जवाबदेह होने से भाग जाती है, गांव की बुनियादी समस्याओं से नजरें फेर लेती है तब रेणू देवी जैसी शख्सियतें जो मनुष्य की उद्दाम जिजीविषा को प्रतिबिंबित कर रही होती है और अपनी कोशिशों से इंसानियत और विकास के दुश्मनों से लड़ रही होती है।
जब स्थानीय मुखिया और सरकारी पदाधिकारियों का सहयोग नहीं मिला तो उन्होंने कर्ज लेकर अपने वार्ड में नल-जल योजना को मूर्त रूप दिया। वार्ड के हर घर में पानी पहुंचा दिया।
बजाप्ता उन्होंने अपने वार्ड 8 के मुबारकपुर विगहा में कर्ज लेकर बोरिंग करवा दी है। उसका उद्घाटन भी स्वंय रेणू देवी ने बजाप्ता पूजा पाठ से किया।
अब गांव के लोगों को पानी की समस्या नहीं है। हर घर में नल का पाइप भी लग गया है। गांव की गलियों में अब पानी की बौछार दिख रही है। बच्चे खुश हैं, महिलाओं में खुशी का ठिकाना नहीं है, उन्हें अब पानी के लिए दूसरों पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा।
तुलसीगढ़ पंचायत के मुखिया के गांव आने-जाने के रास्ते से बिल्कुल सटा हुआ है मुबारकपुर विगहा जहां के वार्ड संख्या 8 मुख्यमंत्री के साथ निश्चय योजना के तहत नल-जल योजना से कोसों दूर।
जब मुखिया की नजरें इनायत नहीं हुई तो वार्ड संख्या 8 की महादलित सदस्या रेणू देवी ने अपने वार्ड में नल-जल योजना को हर घर तक पहुंचाने की ठान ली। इस कार्य में उनका साथ मिला तुलसीगढ़ पंचायत के पूर्व मुखिया कुमार चंद्र भूषण उर्फ भूषण मुखिया का जिनके साथ मिलकर एक लंबी लड़ाई लड़ी। बाबजूद पदाधिकारियों की संवेदनहीनता दिखी।
इसके बाद भी रेणू देवी ने हार नहीं मानी और ठान ली। चाहे जो हो वह अपने वार्ड के लोगों के घरों में नल-जल पहुंचा कर ही दम लेगी। उन्होंने इस कार्य में लगने वाली राशि का जुगाड़ शुरू कर दी।
स्वयं आर्थिक रूप से कमजोर थी। बाबजूद उन्होंने यत्र-तत्र से इस कार्य के लिए कर्ज लेना शुरू कर दिया। इस तरह लगभग 7-8 लाख रूपए क़र्ज़ का जुगाड़ कर ली। उनके इस नेक काम में लोगों का साथ भी मिला, लोगों ने कर्ज भी दिल खोलकर दिया।
वह दिन भी आ पहुंचा जब वार्ड में बोरिंग लग लग गई। वार्ड सदस्या रेणू देवी ने जैसे ही नारियल फोड़कर इस कार्य का शुभारंभ किया। वार्ड की गलियों में पानी की बौछार होने लगी। लोगों में खुशी की लहर छा गई। होली पर्व का उत्साह दुगुना हो गया।