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उगते भास्कर को अर्घ्य के साथ चार दिवसीय छठ पर्व संपन्न

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। इस्लामपुर प्रखंड के विभिन्न घाटों पर चार दिनों तक चलने वाला छठ पर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। कोचरा, बुद्धदेवनगर, कोबिल, चौरमा, जैतीपुर, खुदागंज, इमादपुर, पनहर, कस्तुरी बिगहा, संडा आदि गांवो के हजारों छठव्रतियों ने सुबह के प्रथम किरणों के साथ सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर समाज, देश और अपने परिवार की सुख-शांति की कामना की। इस पावन अवसर पर घाटों पर भक्ति और उत्साह का अनोखा संगम देखने को मिला।

मुसौली गांव के शिव कुमार पांडेय ने बताया कि छठ पर्व में प्रातःकालीन अर्घ्य का विशेष महत्व है। यह अर्घ्य प्रत्यक्ष देवता भगवान भास्कर (सूर्य) को समर्पित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ अर्घ्य देने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को तेज, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करते हैं। वे रोगों का नाश करते हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। यह पर्व ऊर्जा देने वाला और रोगनाशक है।

परंपरा के अनुसार व्रती सूर्योदय के बाद न केवल स्वयं अर्घ्य देते हैं, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों से भी अर्घ्य दिलवाते हैं। अर्घ्य की प्रक्रिया भी बेहद विधि-विधान से संपन्न की जाती है। तांबे के पात्र में जल, एक चुटकी रोली, चंदन, हल्दी, अक्षत और लाल पुष्प डालकर गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इससे स्वास्थ्य, धन, वंश और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। घाटों पर व्रतियों के साथ-साथ मेलार्थियों की भी भारी भीड़ देखी गई, जो इस पर्व के प्रति लोगों की गहरी आस्था को दर्शाती है।

इस दौरान बुद्धदेवनगर सूर्य सरोवर घाट के पास समाजसेवियों ने छठव्रतियों और मेलार्थियों के बीच गुड़ और चने का प्रसाद वितरित किया। जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया। प्रशासन ने भी इस अवसर पर सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे। घाटों पर पुलिस बल तैनात रहा और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए चौकसी बरती गई। नतीजतन यह पर्व शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।

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