नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला कहा जाता है। लेकिन यहां की विकास योजनाओं में हर तरफ सिर्फ लट खसोट मची है। जिम्मेवार अफसर भी उसी खेल में संलिप्त हो अपनी नौकरी बजा रहे हैं।
बताया जाता है कि नालंदा जिला के थरथरी प्रखंड के नारायणपुर पंचायत के संतन बीघा गांव का सात निश्चय योजना के तहत 2016 -17 में ही चयन किया गया था, लेकिन आज 4 साल बाद भी इस गांव में सात निश्चय योजना का कोई भी कार्य नहीं हुआ है।
ग्रामीणों के अनुसार यहां एक नाली निर्माण का कार्य हुआ भी है तो उसे आधा अधूरा छोड़कर राशि की निकासी कर ली गई है। आधे-अधूरे नाली का भी प्लास्टर-नहला तक नहीं किया गया।
ग्रामीण बतातें हैं कि मुखिया और वार्ड सदस्य के इस घालमेल की जानकारी बीडीओ, एसडीओ से लेकर डीम तक की गई, लेकिन कभी किसी के कान में जूं नहीं रेगें।
इस संबंध में ठेकेदार सह वार्ड सदस्य पति पूछा गया तो उसने कहा कि पैसा ही घट गया था, लेकिन जब इसी बात को लेकर मुखिया से जब पूछा गया तो उसने बताया कि ₹8,32,000 का एमबी बना हुआ है।
वहीं दूसरे एक अन्य मामले में सात निश्चय योजना के तहत नाली तो बनाए गए, लेकिन 6 माह के अंदर ही वे टूट-फूट गए।