इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। बिहार कृषि विश्वविधालय भागलपुर सबौर के कुलपति डॉ. आरके सुवाने ने इसलामपुर प्रखंड स्थित पान अनुसंधान केंद्र में लगे विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे का निरीक्षण कर जायजा लिया।
पान अनुसंधान केंद्र के प्रभारी एसएन दास ने बताया कि कुलपति के द्वारा इस केंद्र को सेंटर आँफ एकसीलेंस मेडिसीन प्लांट के रुप मे विकसित करने के साथ कर्मियो के लिए एक वाहन उपलब्ध करवाने और सेंटर पर प्रशिक्षण लेने वालों को ठहरने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाने का अश्वासन दिया गया है।
पटना अनुसंधान केंद्र के क्षेत्रिय निदेशक एमडी ओझा के द्वारा कार्यो में तेजी लाने के साथ पान के पता से तेल निकालने के लिए एक बडा मशीन बैठाने और पान उपजाने के लिए नेट सेड उपलव्ध करवाने का अश्वासन दिया गया है।
एसएन दास ने बताया कि यहाँ औषधीय एंव सुगंधित 100 प्रकार की पौधे लगे हैं। जिसमे अश्वगंधा, तुलसी, लाजवंती, एलोवेरा आदि पौधा शामिल है।
उन्होने बताया कि इन पौधो से कई प्रकार के बीमरियां ठीक होते हैं। तुलसी के पौधा हर घर मे रखा जाता है और लोग पूजा पाठ कर 25 दिसंबर को तुलसी दिवस भी मनाते है। इस पौधे का पते सर्दी जुकाम आदि मे लाभदायक है।
वहीं, कालमेग के पौधा के पते सेवन करने से खून की खराबी दूर होती है। जीवीनीवा या गुलमार्ग की पौधा का पता सेवन करने से डायवीटीज जैसी बीमारी की रोकथाम होता है। पत्थरचूर का जड़ पता सेवन करने से असाध्य विमारी से राहत मिलने लगता है।
पान की पता सेवन करने से मुहं का दुर्गंध समाप्त हो जाता है। पाचन क्रिया सही होने लगता है।
उन्होने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के प्रागंन में राज्य स्तरीय मेला का आयोजन किया जायेगा। उस मेला मे औषधीय व सुगंधित पौधा का विशेष रुप से स्टॉल लगाने का निर्देश दिया गया है। ताकि किसान खेतों मे पौधा लगा सकें।