हिलसा (धर्मेंद्र कुमार / नालंदा दर्पण)। प्रवासी मजदूरों को रहने के लिये बनाये गए क्वारंटाइन सेंटर में लाखो लाख रुपया खर्च कर श्रमिकों को हर तरह की इंतजाम किये जाने की सरकार दावा कर रही है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में ही क्वारंटाइन सेंटरों का काफी खस्ता हाल देखा जा रहा है।
यहां हर तरफ लूट मचा हुआ है। प्रवासियों को नाश्ता भोजन तो दूर पानी तक कि व्यवस्था नही किया गया। बदइंतजामी के कारण प्रवासी अपने घर से भोजन मंगवाकर समय गुजरा कर रहे है।
ताजा मामला शौचालय घोटाला के सुर्खियों में रहने वाले हिलसा प्रखण्ड के अकबरपुर पंचायत का है। जहाँ अकबरपुर क्वारंटाईन सेंटर में कुल 55 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं। जहाँ बदइंतजामी को देख प्रवासी काफी नाराज है।
प्रवासियों का कहना है कि उन्हें न तो मच्छरदानी मिला और न ही स्नान करने के लिये साबुन बाल्टी मग आदि। नाश्ता तो कभी मिला ही नहीं। भोजन कभी कभार मिलता है। वह भी खाने लायक नही होता है।
शिकायत करने पर मुखिया प्रतिनिधि के द्वारा बोला जाता है कि जो मिल रहा है, वह भी नहीं मिलेगा। रहना है तो रहो नहीं तो जा सकते हो। मजबूरी में विवश होकर प्रवासी मजदूर अपने घरों से खाना मंगवाकर किसी तरह क्वारंटाइन का समय काट रहे है।
प्रवासी में कई महिलाएं तथा छोटे छोटे बच्चे भी हैं। महिलाओं ने कहा कि बच्चे के लिये दूध नहीं मिलता है। वे अपने पैसे से गाँव घर से बच्चे के लिये दूध मंगवाते हैं।
प्रवासियों के खाना देने पहुंचे परिजनों ने मुखिया पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवासियों के पेट भरे, चाहे न भरे, लेकिन इस विपदा की घड़ी में उनके चमचों की चलती आ गयी है।
क्वारंटाइन् सेंटर में खाने पीने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण बीमारी से ज्यादा भूख से मरने की नौबत हो गया है। ऐसे स्थिति में हमलोग खाना पहुचा रहे हैं।
वही क्वारंटाईन सेंटर के प्रभारी सरोज कुमारी ने बताया कि नाश्ता और खाना मिलता है, लेकिन बच्चे के लिये दूध उपलब्ध नहीं होता है। चापाकल से गंदा पानी की शिकायत मिली तो मोटर से पानी का व्यवस्था कराया जा रहा है।