कुंडलपुर, बिहार के नालंदा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्त्व रखता है।

यह स्थान भगवान महावीर की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है और यहाँ अनेक प्राचीन जैन मंदिर और धार्मिक स्थल स्थित हैं। 

कुंडलपुर की यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ भी देती है। 

कुंडलपुर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मभूमि है। भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व एक राजपरिवार में हुआ था। 

कुंडलपुर में कई प्राचीन और सुंदर जैन मंदिर स्थित हैं, जो वास्तुकला और धार्मिक महत्व के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। 

कुंडलपुर का जलमंदिर एक प्रमुख आकर्षण है, जो एक सुंदर जलाशय के बीच में स्थित है। यह मंदिर भगवान महावीर को समर्पित है।  

कुंडलपुर में अनेक प्राचीन अवशेष और मूर्तियाँ भी देखने को मिलती हैं, जो जैन धर्म के इतिहास और संस्कृति को दर्शाती हैं। 

कुंडलपुर में हर साल भगवान महावीर जयंती के अवसर पर भव्य मेला आयोजित होता है। इस मेले में हजारों की संख्या में जैन धर्म के अनुयायी और पर्यटक शामिल होते हैं। 

यहाँ पर धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो धार्मिकता और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हैं। 

कुंडलपुर में जैन समाज द्वारा संचालित कई सामुदायिक केंद्र और धर्मशालाएँ स्थित हैं, जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए ठहरने और भोजन की सुविधाएँ प्रदान करती हैं। 

कुंडलपुर न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि, हर उस व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास को समझने में रुचि रखता है। 

यहाँ की धार्मिक धरोहर, प्राचीन मंदिर, और भगवान महावीर की स्मृतियाँ इस स्थान को विशेष बनाती हैं। 

कुंडलपुर की यात्रा एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव है, जिसे हर व्यक्ति को अवश्य अनुभव करना चाहिए।