अगर आपको बिहार में कभी बिहारशरीफ जाने का मौका मिले तो हिरण्य पर्वत की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

हि‍रण्‍य पर्वत बिहारशरीफ में स्थित एक रमणीक स्थान है। पहाड़ी के एक छोर पर प्राचीन मकबरा है तो दूसरे छोर पर पुराना हनुमान मंदिर पुराना है। 

यहां एक भव्य शिव मंदिर और मनोरम पार्क भी हाल के वर्षो में बनाया गया है। जो दर्शनीय है। 

यह जगह काफी सुरम्‍य है। इसे लोग बड़ा पहाड़ कहते हैं। बिहार सरकार इसे पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित कर रही है। 

बड़ा पहाड़ और आसपास के पत्‍थरों की बनावट देखकर ऐसा लगता है कि हो न हो यह कालखंड बौद्धों का वि‍हार स्‍थल या शरणस्‍थली जरूर रही होगी। 

यहां भगवान बुद्ध ने सन् 487-488 ई. पूर्व राजगीर और गंगा के मध्‍य नि‍र्जन पहाड़ी पर वर्षावास किया था। 

यहां करीब एक हजार विद्वान और बौद्ध विद्यार्थी का आवास भी था। इन्‍हीं बौद्ध विद्वानों ने बाद में बौद्ध धर्म को तिब्‍बत में फैलाया था। 

बहरहाल, इतिहास से वर्तमान में वापस आएं तो यह जगह वास्‍तव में इतनी रमणीय है कि सारा दिन गुजारा जा सकता है। 

सन 1353 में शासक इब्राहिम बयां की मृत्‍यू हुई तो उसे पहाड़ी पर दफनाया गया और भव्‍य मकबरे का नि‍र्माण कि‍या गया था, जो आज भी मौजूद है।