बिहार के नालंदा जिला अंतर्गत राजगीर वेणुवन रमणीक सौंदर्य का एक बड़ा केंद्र है। यहां भगवान‌ बुद्ध शिष्यों के साथ अनेक वर्सावास बिताए थे।

2600 वर्ष पूर्व के महान क्षणों और वेणु वन के सौंदर्य को 2021 में अमल में लाया गया। यहां भगवान बुद्ध पुनः मुस्कुराने लगे हैं। 

यहां आज भी विराजमान भगवान बुद्ध की स्थापित प्रतिमा के समक्ष ध्यान मग्न होने पर अलौकिकता का अनुभव होता है। 

वेणुवन भू-खंड को चारों ओर बांस से आच्छादित किया गया है। ताकि यहां झुरमुट का मूल स्वरूप परिलक्षित हो सके। 

यहां सैकड़ों प्रकार के खुशबूदार फूलों, क्रिप्टोगेम, फैनरोगैम तथा अनेक बरगद एवं पीपल के पौधे भी लगाए गए हैं। 

कहा जाता है कि करीब 25 सौ वर्ष पूर्व राजा बिंबिसार ने अपने रॉयल गार्डेन वेणुवन विहार को भगवान बुद्ध को भेंट किया था। 

भगवान बुद्ध का यहां सुंदर आश्रम भी था। बिहार सरकार ने कुल 21. 63 एकड़ में 27 करोड़ की राशि से इसका सौंदर्यीकरण किया है। 

वेणु वन का मुख्य प्रवेश द्वार राजगीर-गया सड़क मार्ग स्थित गुप्ति महारानी एवं शनिदेव मंदिर के समीप बनाया गया है। 

वेणुवन विहार में बौद्ध धर्म से जुड़े अनेक ऐतिहासिक स्थानों में विपश्यना केंद्र, ध्यानकक्ष, भगवान बुद्ध की प्रतिमा आदि हैं। 

वेणुवन विहार के पूर्वोत्तर छोर पर सरोवर तट तक एक रैंप सह डेक बनाया गया है और दक्षिणी छोर पर आकर्षक सर्पाकार सीढ़ी बनाया गया है। 

यहां नाइट टूरिज्म के लिए बेहतरीन लाइटिंग के साथ लोग यहां के अनोखे विजन का भी आनंद उठा सकते हैं। 

वेणुवन विहार में विशाल गार्डन व्हील के बीचो बीच भगवान बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं वाले 10 उपदेशक हस्त संकेत स्तंभ बनाए गए हैं। 

वेणुवन विहार की 7.26 एकड़ भूमि में भगवान बुद्ध का स्टेच्यू गार्डेन है। जहां उनकी 10 मुद्राओं की उपदेशक मूर्तियां लगाई गई हैं। 

वेणुवन विहार में गार्डन व्हील और स्टेच्यू गार्डेन के बीच राजगीर अतिथिगृह और सर्किट हाउस के लिए एक फ्लाई ओवर बनाया गया है। 

वेणुवन विहार के विस्तारीकरण एवं जीर्णोद्धार का 15 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकार्पण किया था। 

यहां सैकड़ों प्रकार के खुशबूदार फूलों, क्रिप्टोगेम, फैनरोगैम तथा अनेक बरगद एवं पीपल के पौधे भी लगाए गए हैं।