बिहार प्रांत के भागपलुर जिले में स्थित विक्रमशिला एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति का शिक्षा केन्द्र रहा है।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय के महाविहार की स्थापना नरेश धर्मपाल (775-800ई.) ने करवायी थी। 

विक्रमशिला विश्वविद्यालय में 160 विहार तथा व्याख्यान के लिये अनेक कक्ष बने हुये थे। 

विक्रमशिला विश्वविद्यालय का धर्मपाल के उत्तराधिकारी तेरहवीं शताब्दी तक राजकीय संरक्षण प्रदान करते रहे। 

विक्रमशिला विश्वविद्यालय लगभग चार शताब्दी तक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का केन्द्र बना रहा। 

विक्रमशिला विश्वविद्यालय में अध्ययन के विशेष विषय व्याकरण, तर्कशास्त्र, मीमांसा, तंत्र, विधिवाद आदि थे। 

आचार्यों में दीपंकर श्रीज्ञान का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है, जो विक्रमशिला विश्वविद्यालय के कुलपति थे।  

कहा जाता है कि बख्तियार खिलजी नामक मुस्लिम आक्रमणकारी ने सन् 1193 में इसे नष्ट कर दिया था। 

वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देख कर इसके गौरवशाली अतीत की अनुभूति कर सकते हैं।