बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के पास पावापुरी जल मंदिर जैन धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। 

भगवान महावीर को इसी स्थल पर मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसीलिए जैन धर्म के लोग इसे पवित्र स्थल मानते हैं। 

इस जल मंदिर के स्थान पर भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला और आखिरी उपदेश दिया था। 

जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म ईसा से 599 वर्ष पूर्व बिहार में वैशाली के कुण्डलपुर में हुआ था। 

भगवान महावीर ने 72 वर्ष की आयु में दीपावली के दिन पावापुरी में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। 

मान्यता है कि पावापुरी में आने मात्र से लोगों के सारे पाप मिट जाते हैं। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। 

यहां एक भव्य सरोवर कमल के फूलों से भरा पड़ा है। इस पवित्र कमल सरोवर के बीच में एक भव्य मंदिर है। 

बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान महावीर के बड़े भाई राजा नंदीवर्धन ने करवाया था। 

इस जल मंदिर की कलाकृति अतुलनीय है। चांदनी रात के समय इसका दिव्य रूप देख लोग इसकी सुंदरता में खो जाते हैं।