राजगीर गृद्धकूट पर्वत, भारत देश के बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है। 

यह पर्वत एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और बौद्ध धर्म के महान ध्यान केंद्रों में से एक है। 

यह पर्वतीय क्षेत्र और प्राचीन स्थल इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध बनाते हैं।

यहां बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध ने अनेक महत्वपूर्ण धर्मानुयायी उपदेश दिए थे। 

राजगीर गृद्धकूट पर्वत पर कई प्राचीन बौद्ध विहार और स्तूप हैं, जिनमें से कुछ अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। 

इसके अलावा, यहां वातावरण में एकांत और शांति का महसूस होता है, जो ध्यान और मनन के लिए उत्कृष्ट माना जाता है।

राजगीर गृद्धकूट पर्वत का स्थान भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है। 

इसके प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का आनंद लेने के लिए लाखों लोग यहां आते हैं। 

इसके अतिरिक्त, इसका प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आवासीय विकल्पों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है। 

राजगीर गृद्धकूट पर्वत का इतिहास बहुत प्राचीन है। इसे महाजनपद का एक हिस्सा माना जाता था और यह बौद्ध धर्म के उदय का एक प्रमुख केंद्र रहा है। 

इस पर्वत के चारों ओर कई प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, जिनमें गृद्धकूट विहार, वेणुवन विहार, राजागृह, बाराबरी गण्डकूटी और महावीर मंदिर शामिल हैं।

इस पर्वत पर रहे गौतम बुद्ध के जीवन के कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए। गृद्धकूट विहार उनमें से एक है, जहां उन्होंने अपना पहला धर्मचक्र प्रवर्तित किया था, जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहा जाता है। इसी विहार में उन्होंने अपने पहले पांच शिष्यों को धर्म प्रचार का कार्य सौंपा था।

राजगीर गृद्धकूट पर्वत का रोमांचक और ऐतिहासिक महत्व आज भी उसके प्राचीनता को महसूस करने के लिए लोगों को प्रेरित करता है। 

यहां के विशाल खुले मैदान और पर्वतीय परिदृश्य यात्रियों को आकर्षित करते हैं, जो इस ऐतिहासिक स्थल के वातावरण का आनंद लेने के लिए इसे आते हैं।