बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में आधी रात को टॉर्च की रोशनी में किसान तोड़ रहे हैं। इसकी वजह शासनिक अव्यवस्था है। यहां लॉकडाउन के दौरान अबतक 53 किसानों पर प्रथमिकी दर्ज की गई है। उनमें पुलिस के डंडे का भय साफ देखा जा रहा है…
नालंदा दर्पण डेस्क। एक तरफ कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच पुलिस-प्रशासन सख्ती कर रही है, वहीं किसानों की भी अपनी अलग समस्या है।
खेतों में सब्जियों की फसल खड़ी है पर बाजार तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। उन्हें पुलिस-प्रशासन के डंडे का डर अलग ही रहता है।
इसी क्रम में कहीं-कहीं पुलिस-प्रशासन की रवैये से जिले के किसान काफी भयभीत नजर आ रहे हैं। आलम ये है कि सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के कुछ इलाकों के किसान आधी रात में टॉर्च की रोशनी में सब्जियां तोड़ते देखे जा सकते हैं।
जानवर व सांप व बिच्छुओं के काटने का डर रहता है, पर टॉर्च की रोशनी में ही फसल तोड़ने के लिए हम मजबूर हैं।
किसानों का आरोप है कि वे लोग इसलिए आधी रात को अपनी मेहनत से उगायी गयी सब्जी तोड़ते हैं, क्योंकि दिन में तोड़ने के बाद सब्जी मंडी ले जाने और बेचकर वापस लौटने के क्रम में पुलिस पिटाई करती है।
कोरोनाबंदी का हवाला देकर लाठी-डंडा चलाया जाता है। जिसके कारण हमलोग पुलिस से बचने और अपने घर का खर्च चलाने के लिए आधी रात को ही सब्जियां तोड़ने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि एक पखवाड़ा पूर्व ही सब्जी बेचकर लौटने के दौरान किसानों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। इसके विरोध में किसानों ने सड़क जाम कर आगजनी भी की थी। जिसके बाद पुलिस ने लहेरी थाना में 53 नामजद समेत सैकड़ो किसानों के ऊपर केस दर्ज कर दिया था।
किसान संतु महतो, ओमप्रकाश महतो, शशि कुमार समेत अन्य का कहना है कि अगर पुलिस प्रशासन द्वारा जल्द ही केस वापस नहीं लिया तो वे आंदोलन करेंगे।
फिलहाल 53 नामजद व सैकड़ों अज्ञात किसानों के ऊपर दर्ज केस को वापस लेने की मांग की जा रही है। (इनपुटः न्यूज18/अभिषेक कुमार)